Home स्वास्थ आयुर्वेद में बादाम भिगोने के बाद छीलकर खाने को क्यों कहा जाता...

आयुर्वेद में बादाम भिगोने के बाद छीलकर खाने को क्यों कहा जाता है ?

241
0

आयुर्वेद में बादाम भिगोने के बाद खाने की सलाह दी जाती है। बादाम खाने से अच्छी सेहत तो मिलती ही साथ में बीमारियां भी दूर रहती हैं। आयुर्वेद में मीठे बदाम खाने की बात कही गयी है। आयुर्वेद यह भी कहता है कि बादाम का छिलका निकालकर खाना चाहिए। बादाम को रात में पानी में भिगाकर फिर सुबह उसका छिलका निकालकर खाना ज्यादा हेल्दी होता है। ये सारी बातें आयुर्वेद कहता है लेकिन क्या आपको पता है ऐसा क्यों है ?

बादाम में कई विटामिन और मिनरल्स पाए जाते हैं। बादाम विटामिन ई, जिंक, कैल्शि‍यम, मैग्नीशि‍यम और ओमेगा 3 फैटी एसिड का बेहतरीन स्त्रोत है। इन सभी पोषक तत्वों का पूरा फायदा मिल सके, इसके लिए बादाम को रातभर भिगोकर रखना अच्छा माना जाता है।

आयुर्वेद में बादाम भिगोने के बाद खाने को क्यों कहा जाता है ?

क्यों भिगोने के बाद खाएं बादाम अगर आप बादाम बिना भिगोए हुए और बिना छीले हुए खाएंगे तो खून में पित्त की मात्रा बढ़ जाती है। सबसे अच्छा तरीका है कि बादाम को गुनगुने पानी में भिगोकर रात भर के लिए रख दें और सुबह छीलकर खाएं। शायद इसलिए आयुर्वेद में बादाम भिगोने के बाद खाने की सलाह दी जाती है।

बादाम के छिलके में टैनिन होता है जो पोषक तत्वों को अवशोषित होने से रोकता है। जब आप बादाम भिगोते हैं तो छिलका आसानी से निकल जाता है और फिर बादाम के सारे फायदे शरीर को मिलने में कोई रुकावट नहीं होती है।

बादाम भिगोने के बाद खाने के कई फायदे हैं

पाचन में मदद, हार्ट की सेहत अच्छी होती है। वजन कम करने में मदद करता है। इसके अलावा ये एंटी ऑक्सिडेंट से भरपूर होते हैं।

कितना खाएं बादाम

आप दिन भर में 10 बादाम खा सकते हैं लेकिन खाली पेट सिर्फ बादाम खाने से बचना चाहिए। अगर खाली पेट हैं तो सब्जियों और फल के साथ बादाम खा सकते हैं।