कांग्रेस महासिचव प्रियंका गांधी, उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को जमीनी स्तर से खड़ा करने की मुहिम में जुट गई हैं। उन्होंने निचले स्तर पर संगठन मजबूत करने के लिए स्थानीय कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें शुरू की हैं। इसके साथ ही प्रदर्शन, लालटेन जुलूस और हस्ताक्षर अभियान जैसे कार्यक्रम चला कर वह कार्यकर्ताओं को लगातार जनसरोकारों से जोड़ने का प्रयास कर रही हैं। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को दिसंबर तक एक करोड़ नए कार्यकर्ता जोड़ने का लक्ष्य दिया है।
पिछले दिनों संपन्न लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा है। कांग्रेस को राज्य की 80 सीटों में से केवल रायबरेली सीट पर ही जीत हासिल हुई थी। राज्य में 2022 में विधानसभा चुनाव भी होने हैं। यही वजह है प्रियंका एक बार फिर सक्रिय हो गई हैं।
उनकी सबसे बड़ी समस्या यह है कि यूपी में कांग्रेस का सांगठनिक ढांचा बिल्कुल बिखर चुका है। पार्टी का मतप्रतिशत भी गिर कर 6.5 रह गया है। इस स्थिति में बदलाव के लिए प्रियंका छोटे-बड़े सभी नेताओं के साथ बैठक कर उनकी राय ले रही हैं। वह यूपी के विभिन्न जिलों के दौरे कर पार्टी कार्यकर्ताओं में जान फूंकने का प्रयास कर रही हैं। वह अब तक लगभग हर जिले के करीब एक दर्जन प्रमुख नेताओं के साथ संगठन को लेकर विचार-विमर्श कर चुकी हैं। जिलों में भेजे गए प्रभारियों द्वारा दिए गए पैनल के नेताओं के साथ बैठक कर चुकी हैं। यहां तक कि पूर्व विधायकों के साथ भी कई दौर की बैठकें कर चुकी हैं।
पार्टी नेताओं के मुताबिक प्रदेश कार्यकारिणी और जिला-शहर अध्यक्षों के नाम वह तय कर चुकी हैं। इनकी कभी भी घोषणा की जा सकती है। संगठन को आकार देते हुए उनकी कोशिश पार्टी कार्यकर्ताओं को मतदाताओं के बीच सक्रिय करने करने की है। यही वजह है कि वह स्वयं जहां जनहित के मुद्दों पर प्रदेश सरकार पर लगातार हमलावर दिखाई दे रही हैं, वहीं उन्नाव प्रकरण, सोनभद्र कांड और बिजली दरों में बढ़ोत्तरी के खिलाफ उन्होंने अपनी आवाज जोरदार तरीके से मुखर की थी। इसके साथ ही प्रदर्शन, लालटेन जुलूस और हस्ताक्षर अभियान जैसे कार्यक्रम चला कर कार्यकर्ताओं को लगातार जनसरोकारों से जोड़ने का प्रयास कर रही हैं।