डिजिटल कम्युनिकेशंस कमीशन (DCC) आज भारत में 5G को रोलआउट करने के रोडमैप पर चर्चा करेगा, साथ ही इस साल एयरवेव्स की नीलामी पर भी फैसला करेगा. पैनल सार्वजनिक वाईफाई हॉटस्पॉट को लागू करने की सरकार की योजना की भी समीक्षा करेगा. इस पैनल में दूरसंचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी, राजस्व और थिंक टैंक NITI आयोग के विभागों के अधिकारी शामिल हैं.
आगामी नीलामी आयोजित करने के लिए भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण के लंबित सुझावों की समीक्षा करेगा. सरकार ने 2017-18 और 2018-19 में किसी भी स्पेक्ट्रम की नीलामी नहीं की. 2016-17 में सरकार ने स्पेक्ट्रम बिक्री के माध्यम से 65,789 करोड़ जुटाए थे. जिन ऑपरेटरों को ट्राई द्वारा निर्धारित उच्च आरक्षित कीमतों की शिकायत रही है, वे उम्मीद कर रहे हैं कि पैनल 5 जी स्पेक्ट्रम की कीमतों को कम करने का निर्णय ले सकता है.
इस साल जुलाई में दूरसंचार नियामक ने कहा कि वह अगले स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए मूल्य निर्धारण पर अपने पहले के रुख पर कायम रहेगा, क्योंकि वह मानता है कि नीलामी एक खुली प्रक्रिया है और इसमें मौजूदा लाइसेंसधारियों के अलावा अन्य खिलाड़ी भी भाग ले सकते हैं.