Home छत्तीसगढ़ क्यों माना जाता है दुनियाभर में 13 नंबर को बेहद अशुभ ?

क्यों माना जाता है दुनियाभर में 13 नंबर को बेहद अशुभ ?

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दुनियाभर में 13 नंबर को बेहद अशुभ माना जाता है। इसके पीछे का कारण अभी तक अज्ञात है | आपकी जिंदगी में भी कई ऐसे मौके आएंगे, जहां आपका सामना 13 नंबर से हो सकता है। 13 नंबर को पूरी दुनिया में मनहूस संख्या के तौर पर देखा जाता है। यही कारण है कि लोग इस अंक का इस्तेमाल करने से बचते हैं। यहां तक कि लोग इस अंक को अपनी जुबान से भी नहीं पुकारते। इसके पीछे कई कारण हैं।

खासतौर से पश्चिमी देशों में आपको 13 नंबर का अच्छा खासा डर देखने को मिलेगा। वहां के लोगों के बीच 13 नंबर का जैसा भय का माहौल नजर आएगा, आपको शायद ही कहीं और वैसा नजर आए। लेकिन जब आप उनके इस डर की वजह जान लेंगे तो शायद 13 नंबर से आप भी परहेज करने लग जाएंगे।

13 तारीख को इसलिए अशुभ माना जाता है, क्योंकि एकबार ईसा मसीह के साथ एक ऐसे शख्स ने विश्वासघात किया था जो उन्ही के साथ रात्रिभोज कर रहा था। वह शख्स 13 नंबर की कुर्सी पर बैठा हुआ था। बस तभी से लोगों ने इस अंक को दुर्भाग्यपूर्ण समझ लिया |

मनोविज्ञान ने 13 अंक के इस डर को ट्रिस्काइडेकाफोबिया या थर्टीन डिजिट फोबिया नाम दिया है। डर इस हद तक बढ़ गया कि इसकी वजह से लोगों ने 13 नंबर का इस्तेमाल करना ही बंद कर दिया।

अगर आप फॉरेन ट्रिप पर गए हों और आपको किसी होटल में ठहरते वक्त 13 नंबर का कोई रूम या किसी इमारत में 13वीं मंजिल न नजर आए तो समझ जाना कि होटल का मालिक 13 नंबर को अशुभ मानता है। इसके अलावा आपको किसी बार या रेस्टोरेंट में 13 नंबर की खाने की टेबल नहीं दिखाई देगी।

आपकी जानकारी के लिए बता दें 13 नंबर का यह डर न सिर्फ पश्चिमी देशों पर बल्कि भारत के लोगों पर भी सवार है। यहां भी बहुत से लोग इस अंक को अशुभ मानते हैं। आपको यह बात शायद ही मालूम हो कि सपनों के शहर कहे जाने वाले चंडीगढ़ देश का सबसे सुनियोजित शहर माना जाता है।

यह पंडित जवाहरलाल नेहरू के सपनों का शहर हुआ करता था, लेकिन आप ये नहीं जानते होंगे कि इस सुनियोजित शहर में सेक्टर 13 नहीं है। दरअसल, इस शहर का नक्शा बनाने वाले आर्किटेक्ट ने 13 नंबर का सेक्टर ही नहीं बनाया। वह 13 नंबर को अशुभ मानता था। उस आर्किटेक्ट को इस शहर को डिजाइन करने के लिए विदेश से बुलवाया गया था।