राज्य सरकार की ओर से बुधवार को पान मसाले में हानिकारक तत्वों की सूचना जारी करने और ऐसे पान मसालों पर प्रतिबंध की घोषणा के बाद प्रदेश के पान मसाला कारोबारियों और इनका सेवन करने वालों में हड़कंप मच गया। प्रदेश में व्यापारी पूछताछ करने में लगे रहे कि उनके पास रखे पान मसाले के स्टॉक का अब क्या होगा। बाद में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि उन्हींं पान मसालों को हटाना होगा, जिनमें प्रतिबंधित किए गए तत्व तंबाकू, निकोटीन, मैग्नेशियम, कार्बोनेट, निकोटीन, और मिनरल ऑइल पाए जाएंगे। विभाग की ओर से इनके नमूने लेकर प्रयोगशाला में जांच करवाई जाएगी। प्रदेश में इस समय करीब 400 करोड़ के पान मसाले बाजार में मौजूद है।
सालाना करीब 4 हजार करोड़ के इस कारोबार की खुदरा बिक्री
प्रदेश की करीब दो ढाई लाख थडिय़ों पर यह बेचा जा रहा है। जयपुर शहर में ही करीब 20 हजार थडिय़ों पर इनकी बिक्री हो रही है।
ये है जैमो जवाब
सवाल – बाजार में अब पान मसाले मिलेंगे या नहीं?
जवाब – पहले की तरह ही बिकते रहेंगे, पान मसाले के वे ही नमूने बाजार से हटेंगे, जिनके नमूने फेल हो जाएंगे
सवाल – बाजार में जो पान मसाला उपलब्ध है, उसे खाने वाला व्यक्ति कैसे पहचानेगा कि उसमें हानिकारक तत्व हैं या नहीं
जवाब – प्रथमदृष्टया खाने वाला व्यक्ति उसे नहीं पहचान पाएगा, खाद्य सुरक्षा अधिकारी ही उसके नमूने लेंगे, जिसके बाद प्रयोगशाला में उनकी जांच होगी
सवाल – मेरी जेब में पुडिय़ा है, तो मुझ पर भी कार्यवाही हो सकती है क्या?
जवाब – नहीं खाने वाले की जेब में पान मसाला मिलता है तो उस पर कार्यवाही नहीं होगी।
सवाल – तो फिर कार्यवाही किस पर होगी
जवाब – जांच में नमूना फेल होने पर भी संबंधित पान मसाले का बैच बिकता हुआ पाया जाता है, तो उसके निर्माता और विक्रेता दोनों पर कार्यवाही होगी। खाद्य सुरक्षा लाइसेंस निलंबन जैसी कार्यवाही भी हो सकती है। पूरी कंपनी को भी प्रतिबंधित किया जा सकता है, पहले से मौजूद प्रावधानों में भी 6 महीने से लेकर आजीवन कारावास तक का प्रावधान है
सवाल – बाजार से इनके सैंपल किस तरह उठाए जाएंगे
जवाब – बाजार से इनके सैंपल खाद्य सुरक्षा अधिकारी उठाएंगे।
राजस्थान की स्थिति
– 21.4 प्रतिशत (15 वर्ष से अधिक) धूम्रपान रहित तंबाकू का उपयोग करते हैं, जबकि 10.7 प्रतिशत धूम्रपान करते हैं
– जिसका मुख्य कारण 90 प्रतिशत मुंह का कैंसर है
– राजस्थान में वर्तमान में 13.2 प्रतिशत लोग धूम्रपान के रूप में तंबाकू का सेवन करते है, जिसमें 22 प्रतिशत पुरुष, 3.7 प्रतिशत महिलांए शामिल हैं
– यहां पर 14.1 प्रतिशत लेाग चबाने वाले तंबाकू उत्पादों का प्रयोग करते हुए हैं, जिसमें 22 प्रतिशत पुरुष और 5.8 प्रतिशत महिलाएं हैं।
91 पान मसाले सही पाए गए थे
हानिकारक तत्वों के बिना पहले भी निर्माता पान मसाला बना रहे हैं। इसकी पुष्टि खुद स्वास्थ्य विभाग की जांच रिपोर्ट कर रही है। विभाग ने 310 नमूनों की जांच अब तक करवाई है। जिनमें से 91 सही पाए गए हैं। साफ है कि हानिकारक तत्वों के बिना भी पान मसालों का निर्माण किया जा सकता है।