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तिहाड़ जेल में कैदियों की मौज, बनाते हैं टिक-टॉक VIDEO और पीते हैं शराब

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वीडियो में देखा जा सकता है कि तिहाड़ में बंद कैदी जेल को अपना ऐशगाह बनाते जा रहे हैं.

नई दिल्ली: देश की सबसे सुरक्षित जेल तिहाड़  के बारे में कहा जाता है कि यहां बिना इजाजत परिंदा भी पर नहीं मार सकता, लेकिन ये सिर्फ कहावत है. हक़ीक़त इससे कोसों दूर है. ज़ी न्यूज के हाथ लगे वीडियो में देखा जा सकता है कि तिहाड़ में बंद कई कैदी जेल को अपना ऐशगाह बनाते जा रहे हैं. वे अपने पास तमाम महंगे मोबाइल फ़ोन समेत नशीले पदार्थ और नुकीले हथियार रखते हैं.

मई और जून के महीने में तिहाड़ की पूर्वी दिल्ली की मंडोली जेल के वार्डों में चलाए गए तलाशी अभियान में जेल प्रशासन को अलग-अलग मामलों में सजा काट रहे कैदियों से तमाम महंगे मोबाइल फ़ोन और ब्लूटूथ इयर फोन, सर्जीकल ब्लेड और नुकीले समान, बटन से खुलने वाले शार्प चाकू, एक से एक महंगी शराब की खाली बोतलें, हैंड मेड हीटर और लूज़ वायर समेत नशीले पदार्थ मिले.

सबसे हैरान कर देने वाली बात तो यह है कि तमाम सुरक्षा कर्मियों के बीच और बॉडी स्कैनर से गुजरते हुए भी कैदियों के पास जेल में प्रतिबंधित सामान बरामद हो रहा है.

टेनिस बॉल के जरिए भेजते हैं नशीले पदार्थ
ज़ाहिर है वीडियो चौंकने वाली हैं और देश के सबसे सुरक्षित माने जाने वाले तिहाड़ जेल के उस खेल का खुलासा करती हैं कि कैसे पैसे और रसूख के दम पर कैदी जेल के अंदर से अपने गोरखधंधे को अंजाम दे रहे हैं. जांच में पता चला है कि जेल के आस-पास रहने वाले लोग टेनिस बॉल को काटकर उसमें नशीला पदार्थ डालकर अंदर फेंक देते हैं, जो कि फिर कैदियों तक पहुंच जाता है. वहीं, जानकारों के मुताबिक तिहाड़ में कैदियों तक 70 फीसदी सामान तिहाड़ प्रशासन की लापरवाही से तो 30 प्रतिशत मिलीभगत की वजह से मिलता है.

ब्लेड से वारदात करते हैं कैदी
तिहाड़ में यह खुला खेल सिर्फ महंगे मोबाइल और चाकू और नशीले पदार्थों तक ही सीमित नहीं है बल्कि जेल में बंद बाहर बैठे अपने आकाओं के इशारे पर कई गंभीर साजिशों को भी अंजाम दे रहे हैं जबकि जेल के आसपास जैमर लगा हुआ है.

कैदियों के मोबाइल का नेटवर्क
इस बारे में जानकारों का कहना है कि जेल में 3 जी जैमर लगा हुआ है और कैदी 4 जी का इस्तेमाल करते हैं जिससे जैमर इन्हें बात करने से रोक नहीं पाता, लेकिन अब जेल प्रशासन ऐसा हाईटेक जैमर लगाने जा रहा है जिससे कैदियों के मोबाइल का नेटवर्क नहीं मिल पाएगा.

टिकऑक अपलोड कर देते हैं वीडियो
यही नहीं, कैदियों ने अपना लाइफ स्टाइल तक बदल ली है. वे बेखौफ होकर जेल में रह कर अपना वीडियो बनाते हैं और फिर सोशल मीडिया के साथ उसको मोबाइल ऐप टिकऑक अपलोड कर देते हैं. यह बात तब सामने आई जब तिहाड़ में बंद एक गैंगस्टर का सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसके बाद देश का सबसे सुरक्षित जेल सवालों के घेरे में आ गया था.

इससे पहले दो कैदी अपने पेट में मोबाइल छिपाकर जेल में अंदर ले जा रहे थे, लेकिन उन पर शक होने पर जब उनका मेडिकल करवाया गया तो उस मोबाइल के बारे में पता चल सका था. लेकिन अब हाईटेक बॉडी स्कैनर के बाद उसमें से गुजरने पर ही पता चल जाएगा कि कैदी या बंदी के शरीर में क्या है? वहीं जल्द ही हाईटेक जैमर भी लगने वाला है जिससे किसी भी नेटवर्क पर बात कर पाना मुश्किल होगा यानी कि अब आने वाले दिन कैदियों के लिए आरामदायक नहीं है.