थाईलैंड में ऊंचाई से एक झरने में नीचे गिरने से मरने वाले हाथियों की संख्या बढ़कर 11 हो गई है.
माना जा रहा है कि सबसे पहले हाथियों के झुंड का एक बच्चा ऊंचाई से नीचे गिरा और फिर उसे बचाने की कोशिश में अन्य हाथी भी गिर गए.
मध्य थाइलैंड के खाओ याई नेशनल पार्क के स्थानीय अधिकारियों ने सप्ताहंत में हुई घटना में शुरूआत में केवल छह हाथियों को मृत देखा था.
लेकिन अन्य पांच हाथियों को ड्रोन द्वारा देखा गया. जिस झरने के पास ये मृत हाथी देखे गए उस झरने को स्थानीय भाषा में ‘नरक का झरना’ कहा जाता है.
रायर्टस समाचार एजेंसी के मुताबिक, पार्क के अधिकारियों ने सप्ताहंत में बताया कि मारे गए हाथियों में तीन साल का एक हाथी भी शामिल है.
स्थानीय अधिकारी बदीन चानसरिकम ने एजेंसी को बताया, “हमें लगता है कि हाथी नदी के दूसरे तरफ जाने का प्रयास कर रहे थे.”
उन्होंने बताया, “संभवत:, एक छोटा हाथी नीचे गिर गया होगा और बड़े हाथियों ने उसे बचाने का प्रयास किया होगा लेकिन इसके बजाय वे पानी में गिर गए होंगे.”
हालांकि, स्थानीय मीडिया के मुताबिक, हाथियों के नीचे गिरने का कारण अभी पता नहीं चल सका है.
सप्ताहंत में जब पहली बार छह मृत हाथियों के बारे में पता चला था तब चट्टानों में फंसे दो अन्य जीवित हाथी को सफलतापूर्वक बाहर निकाल लिया था.
पार्क रेंजरों ने बचाए गए हाथियों को पूरक आहार के साथ खाना देना शुरू कर दिया है ताकि उन्हें ताक़त मिल सके और जंगल लौट सके.
हालांकि, विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इन दोनों हाथियों को जीवित रहने में मुश्किल आ सकती है क्योंकि हाथी सुरक्षा और भोजन के लिए अपने बड़े झुंडों पर निर्भर रहते हैं.
इन घटना के कारण बचे हुए हाथियों को भावनात्मक झटका भी लग सकता है. हाथी ऐसे जानवर हैं जिन्हें दुख का भाव जताते हुए देखा गया है.
पार्क में क़रीब 300 जंगली हाथियों को वास है. इसके अलावा यहां भालू और लंगूर सहित कई वन्यजीव भी रहते हैं और यह पर्यटकों के बीच काफ़ी लोकप्रिय है.
नेशनल पार्क के अधिकारी नदी से शव बाहर निकालने का प्रयास कर रहे हैं क्योंकि इस बात की आशंका है हाथियों के शव के कारण नदी का पानी प्रदूषित हो सकता है.
बैंकाक पोस्ट के मुताबिक, हाल के दिनों में थाइलैंड में एक साथ हाथियों के मारे जाने की यह सबसे बड़ी घटना है.
‘नरक का झरना’ के पास पूर्व में भी इस तरह की घटनाएं होती रही हैं. साल 1992 में आठ हाथियों का एक झुंड इसी जगह से ख़त्म हो गया था. उस समय पूरे देश में यह मामला चर्चा में रहा था.
थाइलैंड में लगभग 7000 एशियाई हाथी हैं जिनमें आधे से कम ही वनों में खुलकर रहते हैं