राजधानी रायपुर में नगर निगम चुनाव की खुमारी धीरे-धीरे चढ़ने लगी है। नगर निगम चुनाव में पार्षद और महापौर का चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार अभी से ही अपने आकांओं के पास दौड़ लगाना शुरू कर दिए हैं। रायपुर नगर निगम में कांग्रेस का पिछले 10 साल से कब्जा है। इस मिथक को बनाए रखने के लिए कांग्रेस पार्टी को एड़ी-चोटी एक करनी पड़ेगी, क्योंकि प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में जहां कांग्रेस पार्टी ने तीनों विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की है, वहीं लोकसभा चुनाव में तीनों विधानसभा सीटों से कांग्रेस पार्टी को करारी हार झेलनी पड़ी है, इसलिए इस बार नगर निगम चुनाव में रायपुर शहर के उत्तर, पश्चिम और ग्रामीण विधायकों की साख भी दांव पर लगी है।
प्रदेश में दीपावली के बाद आदर्श आचार संहिता लग सकती है। प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव में सीटों का आरक्षण घोषित हो चुका है। राज्य में कांग्रेस पार्टी सत्ता में है, इसलिए चुनाव में ज्यादा से ज्यादा महापौर, अध्यक्ष और पार्षदों की सीटों पर कब्जा करने की चुनौती है। कांग्रेस पार्टी नगरीय निकाय चुनाव के लिए अभी से ही फूंकफूंक कर कदम रख रही है।
कांग्रेस ने सर्वे का काम शुरू कर दिया है। इसके साथ ही इसके अलावा पार्टी ने विधानसभा और लोकसभा चुनाव में कांग्रेस, भाजपा और दूसरे दलों को मिले वोटों की कुंडली तैयार करना शुरू कर दी है। इससे यह पता चलेगा कि किस विधानसभा सीट के किस वार्ड में कांग्रेस पार्टी को कितने वोट मिले हैं।
इसके साथ ही पार्टी कहां कमजोर और कहां मजबूत है, क्योंकि लोकसभा चुनाव में रायपुर सीट से कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है। वहीं दूसरी तरफ भाजपा लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज होने से जहां उत्साहित है, वहीं इस बार के नगर निगम चुनाव में वह कांग्रेस को शिकस्त देने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
लोकसभा चुनाव में इतने पीछे थी कांग्रेस
लोकसभा लोकसभा में विधानसभा वार नतिजों पर एक नजर डालें तो रायपुर ग्रामीण से प्रमोद दुबे को 51021 और सुनील सोनी को 1,14,655 मत मिले। यहां वोटों का अंतर 63,634 था। रायपुर पश्चिम से प्रमोद दुबे को 41,385 और सुनील सोनी को 100942 मत मिले, अंतर 59557 रहा। रायपुर दक्षिण से कांग्रेस प्रत्याशी प्रमोद को 47267 और बीजेपी प्रत्याशी को 98842 वोट मिले, अंतर 51575 रहा। रायपुर उत्तर से कांग्रेस को 38884 और बीजेपी को 71213 मिला था। इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि कांग्रेस की डगर कितनी मुश्किल होगी।
भाजपा और कांग्रेस ने इन जगहों में दर्ज की थी जीत
भाजपा-कांग्रेस के पास छह-छह नगर निगम वर्ष 2014 के नगरीय निकाय चुनाव में 13 नगर निगम में से पांच रायपुर, भिलाई, अंबिकापुर, कोरबा और जगदलपुर में कांग्रेस और छह बिलासपुर, दुर्ग, धमतरी, राजनांदगांव, बीरगांव, भिलाई- चरौदा में भाजपा के महापौर जीत थे। रायगढ़ और चिरमिरी में निर्दलीय महापौर चुने गए थे। हालांकि, अब चिरमिरी के महापौर ने कांग्रेस में वापसी कर ली है, तो अभी कांग्रेस के पास भी छह महापौर हैं।