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वैज्ञानिकों ने पहली बार बनाई सिंधु घाटी सभ्यता के मानवों के चेहरे की आकृति

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दुनिया की उत्सुकता मानव के उद्भव और विकास में हमेशा रही है. मानव सभ्यताएं भी उत्सुकता का केंद्र रही हैं. सिंधु घाटी सभ्यता से जुड़ी खोजों में वैज्ञानिक लगे हुए हैं. 4,500 साल पुराने राखीगढ़ी कब्रिस्तान में मिली 37 में से 2 मानव खोपड़ियों से उनके चेहरे की आकृति बनाने में वैज्ञानिकों को सफलता मिली है.

राखीगढ़ी में मिले नरकंकाल

साउथ अफ्रीका, यूनाइटेड किंगडम और भारत के अलग अलग विषयों के विशेषज्ञ 15 वैज्ञानिक और शिक्षाविद इस काम में लगे थे. उन्होंने राखीगढ़ी से मिली दो खोपड़ियों का चेहरा बनाने के लिए उन्होंने कंप्यूटेड टोमोग्राफी डेटा के जरिए क्रैनियोफेशियल रिकॉन्सट्रक्शन की तकनीक का इस्तेमाल किया.

राखीगढ़ी का कब्रिस्तान

वसंत शिंदे और डब्ल्यू एलजी के नेतृत्व में ये केस स्टडी की गई. वसंत शिंदे ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बताया कि ‘ये रिपोर्ट बहुत महत्वपूर्ण है. हमें पता नहीं था कि सिंधु घाटी सभ्यता के लोग कैसे दिखते थे. अब उनके चेहरों की बनावट का कुछ अंदाजा हो गया है.’

बता दें कि हरियाणा में स्थित राखीगढ़ी सिंधु घाटी सभ्यता का सबसे बड़ा पुरातात्विक स्थल है. अभी तक सिंधु घाटी सभ्यता के मानवों की शारीरिक बनावट का ढांचा तैयार नहीं किया जा सका था क्योंकि उस सभ्यता के कब्रिस्तानों की खोज नहीं की जा सकी थी. पहली बार वैज्ञानिकों को ये सफलता हाथ लगी है.