बीजेपी की फायरब्रांड नेत्री और भोपाल की सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर अक्सर अपने विवादित बयानों के खातिर पार्टी की फजीहत करवाते रहते हैं। उन्होंने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताकर खुद के अलावा पार्टी की भी खुब किरकिरी करवाई थी। साध्वी ने भाजपा सांसदों की गांधी संकल्प पदयात्रा से दस दिन बाद भी दूरी बना रखी है। भारतीय जनता पार्टी पूरे देश में गांधी जयंती यानी दो अक्टूबर से गांधी संकल्प यात्रा निकाल रही है, जो 31 अक्टूबर को सरदार पटेल जयंती पर समाप्त होगी। इस पदयात्रा में सभी भाजपा सांसद अपने-अपने लोकसभा क्षेत्र में पार्टी पदाधिकारियों के साथ पदयात्रा कर रहे हैं।
साध्वी प्रज्ञा गांधी जयंती के दिन नवरात्र उपवास की बात कहकर पदयात्रा में शामिल नहीं हुई थीं, इसके बाद पार्टी ने कहा था कि नवरात्र के बाद उनकी पदयात्रा का कार्यक्रम तैयार कर लिया गया है। कहा जा रहा है कि साध्वी पदयात्रा से पहले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा बुलाई गई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में भी शामिल नहीं हुई थीं। गांधी संकल्प यात्रा को दस दिन बीत चुके हैं। ऐसे में पार्टी के भीतर ही सवाल खड़े होने लगे हैं कि आखिर साध्वी के पदयात्रा में शामिल नहीं होने की वजह क्या है। इससे पहले भी साध्वी कई बार विवादों में घिर चुकी हैं। उन्होंने पुलिस अफसर हेमंत करकरे की शहादत पर सवाल उठाए थे। फिर लोकसभा चुनाव से पहले गांधीजी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताया था। साध्वी के इस बयान पर पीएम मोदी ने नाराजगी जताई थी।