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सुप्रीम कोर्ट में अंतिम पड़ाव पहुंचा मामला, अयोध्या में धारा 144 लागू

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सुप्रीम कोर्ट में रामजन्मभूमि और बाबरी मस्जिद भूमि विवाद के मामले में चल रही सुनवाई के अंतिम सप्ताह में प्रवेश करने के साथ ही उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने अयोध्या जिले में 10 दिसंबर तक धारा 144 लागू कर दी है। इस संबंध में रविवार देर रात को जिला प्रशासन ने आदेश जारी किए हैं।

इस बारे में अयोध्या के जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने कहा कि यह निर्णय आगामी त्योहारों के मद्देनजर लिया गया है।

वहीं विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने विवादित भूमि के परिसर में दीवाली वाले दिन ‘दीया’ (मिट्टी के दीपक) जलाने की आज्ञा मांगी है।

महंत नयन दास ने कहा, “जब दिवाली वाले दिन पूरी अयोध्या रोशनी में डूबी रहेगी, तो राम लला अंधेरे में क्यों रहेंगे? हम विवादित भूमि के रिसीवर डिवीजनल कमिश्नर से मिलेंगे और उनकी अनुमति लेंगे।”

हालांकि, इस बारे में एक मुस्लिम वादकारी हाजी महबूब ने कहा कि अगर विहिप को विवादित धर्मस्थल पर दीया जलाने की अनुमति दी जाती है, तो फिर मुसलमान भी उस स्थल पर ‘नमाज’ अदा करने की अनुमति मांगेंगे।

हालांकि, इस धार्मिक शहर में लागू निषेधाज्ञा के कारण कोई भी अधिकारी 26 अक्टूबर को अयोध्या में आयोजित होने वाले ‘दीपोत्सव’ से संबंधित प्रश्नों का जवाब देने के लिए तैयार नहीं है। वहीं इस दौरान हजारों पर्यटकों के यहां आने की संभावना है।

बीती बातों पर गौर किया जाए तो राम जन्मभूमि मामले में सभी दलीलें 18 अक्टूबर को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है, क्योंकि मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) रंजन गोगोई ने कहा था कि वह 17 नवंबर को अपना कार्यकाल खत्म होने से पहले इस मामले पर फैसला सुनाना चाहते हैं।

सुप्रीम कोर्ट में न्यायधीशों की एक पीठ 2010 में आए इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली, हिंदू, मुस्लिम और अन्य पक्षों द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है।

कोर्ट द्वारा गठित किए गए मध्यस्थता समिति भी इस विवाद का समाधान करने में असफल रही थी, जिसके बाद छह अगस्त से मामले पर प्रतिदिन सुनवाई हो रही है।

इस सप्ताह की शुरुआत में ‘इंडियन मुस्लिम फॉर पीस’ के बैनर तले मुस्लिम बुद्धिजीवियों के एक समूह ने कहा था कि ‘सद्भावना’ के तौर पर ज्यादातर मुसलमान विवादित स्थल के अधिकांश हिस्से 2.77 एकड़ भूमि केंद्र को सौंपने के लिए तैयार हैं।