यह स्कीम श्रमिकों (Labour) के लिए बड़े काम की है. सिर्फ 10 रुपये मासिक कंट्रीब्यूशन पर आपको 19 तरह की ऐसी सुविधाएं मिलेंगी जिनके लिए आप को मोटी रकम खर्च करनी पड़ती थी. यदि किसी लेबर की तीन बेटियां और दो बेटे 9वीं और 10वीं क्लास में पढ़ाई (Education) कर रहे हैं तो उस श्रमिक को इसके लिए सालाना 31 हजार रुपये मिलेंगे. यदि किसी श्रमिक की बेटी की शादी (Marriage) है तो उसे 51,000 रुपये मिलेंगे. यह तीन बेटियों के लिए मान्य होगी. जबकि श्रमिक की पत्नी की डिलीवरी पर 10,000 रुपये मिलेंगे.
इस स्कीम के तहत उस संस्थान को प्रतिमाह 20 रुपये जमा करने होंगे जिसमें वो काम करता है. यह स्कीम है हरियाणा (Haryana) की. जिसके बारे में कम ही श्रमिकों को पता है. इस योजना के तहत श्रमिक की सर्विस एक साल होनी चाहिए. साथ ही लेबर का मासिक वेतन 25,000 रुपये से अधिक न हो.
कौन-कौन से लाभ मिलेंगे >> श्रमिकों के लड़के-लड़कियों के लिए पहली कक्षा से 12वीं कक्षा तक पढ़ाई जारी रखने पर. स्कूल की वर्दी, किताब-कापियां आदि खरीदने के लिए सालाना 3000 से 4000 रुपये की मदद.
> श्रमिकों के बच्चों के लिए छात्रवृत्ति योजना: 9वीं से 10वीं तक लड़कों के लिए 5000, लड़कियों के लिए 7000 रुपये प्रति वर्ष. 11वीं से 12वीं के लड़कों के लिए 5500, लड़कियों के लिए 7750 रुपये. यह सुविधा मेडिकल पढ़ाई तक भी पैसा बढ़ाकर दी जाएगी.
>> श्रमिकों के बच्चों को खेलकूद (Sports) के लिए: प्रतियोगिता के आधार पर 2000 से 31000 रुपये तक दिया जाएगा. > श्रमिकों के बच्चों को कल्चरल प्रतियोगिताओं में स्थान प्राप्त करने पर 2000 से 31000 रुपये तक दिया जाएगा.
>> श्रमिक की किसी भी कारण से मृत्यु होने पर उसकी विधवा या आश्रित को 2,00,000 रुपये की सहायता राशि दी जाएगी.
श्रमिक की कार्य स्थल या बाहर किसी भी कारण से मृत्यु होने पर दाह संस्कार के लिए 15000 रुपये.
कार्यस्थल पर काम करते वक्त मौत होने पर आश्रित को 5 लाख रुपये की मदद दी जायेगी.
श्रमिकों को साईकिल खरीदने पर 3000 रुपये. (वेतन सीमा-18,000 रुपये)
श्रमिकों को चश्मे के लिए 1500 रुपये तक की मदद.
तीन लड़कियों की शादी के लिए 51-51 हजार रुपये की मदद.
महिला श्रमिकों तथा श्रमिकों की पत्नियों को डिलीवरी पर 10-10 हजार रुपये. दो बार के लिए दिये जाएंगे.
श्रमिकों की सेवा के दौरान दुर्घटना या अन्य कारण से दिव्यांग होने पर: 1.5 लाख रुपये तक की मदद.
श्रमिकों और उनके आश्रितों को डेंटल केयर व जबड़ा लगवाने के लिए 4 से 10 हजार रुपये तक की मदद.
श्रमिकों की किसी भी दुर्घटना में अपंग हुए श्रमिकों व उनके आश्रितों को कृत्रिम अंगों (Artificial Limbs) के लिए सहायता मिलती है.
बधिर श्रमिकों व उनके बधिर आश्रितों को श्रवण मशीन के लिए 5000 (पांच साल में एक बार)
श्रमिकों को नई सिलाई मशीन खरीदने के लिए 3500 रुपये (पांच साल में एक बार लेकिन सर्विस 2 साल होनी चाहिए)
दिव्यांग श्रमिकों तथा उनके आश्रितों को तिपहिया साईकिल के लिए 7000 रुपये.
पांच साल की सर्विस पर श्रमिकों को 1500 रुपये LTC (Leave Travel Concession) की सुविधा.
श्रमिकों के दिव्यांग बच्चों को 20,000 से 30,000 रुपये. इसके तहत सर्विस और वेतन की सीमा तय नहीं है.