खेती और बागवानी के लिए ख्यात नयापारा निवासी 75 वर्षीय बीपी बिसाई ने बुधवार से बेमियादी भूख हड़ताल शुरू की है। बिसाई सुअर मुक्त नगर की मांग को लेकर आंदोलन पर बैठ गए। इसकी जानकारी होने पर पालिका प्रशासन हरकत में आया और गुरुवार से सुअरों को शहरी क्षेत्र से हटाने के आश्वासन के बाद हड़ताल स्थगित किया। गौरतलब है कि बिसाई ने बेमियादी भूख हड़ताल शुरू करने से पहले नगर पालिका प्रशासन को पत्र लिखकर इस पर कार्रवाई की मांग की, साथ ही अल्टीमेटम भी दिया कि ठोस कार्रवाई नहीं होने पर वे 16 अक्टूबर से बेमियादी भूख हड़ताल करेंगे।
वादे के अनुरूप बुधवार सुबह से ही बिसाई पालिका गेट के सामने पहुंचे और धरना पर बैठ गए। शहर में सूअरों का आतंक शहर में सुकर पालन व्यवस्थित नहीं है। कई परिवार की आजीविका का यह साधन है, लेकिन अब तक इस व्यवसाय को व्यवस्थित करने प्रशासनिक प्रयास नहीं किया गया। हालात यह है कि नगर का हर क्षेत्र सुअरों के डेरे से भरा पड़ा है।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत कूड़ादान जरूर हटे हैं, लेकिन सुअरों से हो रही गंदगी पर कोई प्रयास नहीं किया गया। वहीं सुअरों के दौड़ाने और काटने की भी घटनाएं शहर में घट चुकी है। फसल बर्बादी को लेकर किसानों ने कई बार थाना में आवेदन दिया है और सुअरों का अव्यवस्थित कारोबार पर नियंत्रण लगाने की मांग की है। बावजूद कुछ हुआ नहीं। इसी से व्यथित एक बुजुर्ग अब आंदोलन की राह पर है।
प्रशासन से हुई सुलह
देर शाम धरनारत बिसाई से नगर पालिकाध्यक्ष पवन पटेल और सीएमओ रमेश जायसवाल ने मुलाकात की। दोनों पक्षों की चर्चा हुई। जिस पर पालिकाध्यक्ष और सीएमओ ने सुअर मुक्त महासमुंद के लिए बिसाई को भरोसा दिलाया। कहा गया कि गुरुवार से पालिका अमला सुअरों को शहर के बाहर करने के अभियान में जुटेगा। प्रशासन से हुई सकारात्मक चर्चा के बाद बिसाई ने आंदोलन स्थगित कर लिया।
सात साल पहले 498 परिवारों का था व्यवसाय
जिले में 19वीं पशु संगणना अक्टूबर 2012 की रिपोर्ट्स के अनुसार 498 सुअर पालक परिवार थे। 18वीं पशु संगणना में जिले में सुअरों की संख्या 3957 थी। 19वीं संगणना में जिले में सुकरों की संख्या 3826 रही। 20वीं पशु संगणना की रिपोर्ट अब तक अप्राप्त है। नगर में सुअर पालन के कई केंद्र नयापारा, बेमचा भाठा, आदर्श नगर, सुभाष नगर क्षेत्र में है।