Home समाचार लड़की को ‘कॉल गर्ल’ कहना आत्महत्या के लिए उकसाना नहीं : सुप्रीम...

लड़की को ‘कॉल गर्ल’ कहना आत्महत्या के लिए उकसाना नहीं : सुप्रीम कोर्ट

65
0

सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में लड़की को ‘कॉल गर्ल’ कहने के मामले में लड़के और उसके माता-पिता को राहत दी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ‘कॉल गर्ल’ कहने मात्र से आरोपियों को आत्महत्या करने के लिए उकसाने का जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता. 15 साल पहले एक लड़के के माता-पिता ने उसकी गर्लफ्रेंड को ‘कॉल गर्ल’ कहा दिया था, जिसके बाद उसकी गर्लफ्रेंड ने आत्महत्या कर ली थी. आत्महत्या के इस मामले में लड़के और उसके माता-पिता पर आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था.

 ने अपने फैसले में कहा कि लड़की की ओर से की गई आत्महत्या का कारण ‘अपमानजनक’ भाषा का इस्तेमाल था, ये कहना सही नहीं है. जजों ने कहा कि गुस्से में कहा गया एक शब्द, जिसके बारे में कुछ सोचा-समझा नहीं गया हो उसे उकसावे के रूप में नहीं देखा जा सकता.

सुप्रीम कोर्ट ने इसी तरह के एक पुराने फैसले में एक व्यक्ति को पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में मुक्त कर दिया था. बताया जाता है कि पति-पत्नी के बीच हुए झगड़े के दौरान पति ने गुस्से में पत्नी से कहा था कि ‘जाकर मर जाओ’. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का हवाला देते हुए कहा कि गुस्से में कही गई बात को आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला नहीं कहा जा सकता.

 क्या है मामला
कोलकाता की लड़की आरोपी से अंग्रेजी भाषा का ट्यूशन लिया करती थी. इस दौरान दोनों एक-दूसरे के करीब आ गए और दोनों ने शादी करने का फैसला कर लिया. लड़की और लड़का अपनी शादी के बारे में जब लड़के के माता-पिता से मिलने गए तो गुस्से में लड़के के परिजनों ने लड़की को बहुत कुछ कह दिया. इस दौरान गुस्से में लड़के के माता-पिता ने लड़की को ‘कॉल गर्ल’कह दिया. इस बात से दुखी लड़की ने घर आने के बाद आत्महत्या कर ली.

सुसाइड नोट में कॉल गर्ल का किया था जिक्र
लड़की ने आत्महत्या करने से पहले दो सुसाइड नोट लिखे थे. इन दोनों में ही उसने लड़के के माता-पिता पर उसे ‘कॉल गर्ल’ कहने का आरोप लगाया था. इसी के साथ उसने बताया था कि जिससे वह प्यार करती थी, उसने भी माता-पिता को ऐसा करने से नहीं रोका. पुलिस ने जांच के बाद लड़के और उसके माता-पिता के खिलाफ आरोप पत्र (चार्जशीट) दाखिल किया. तीनों आरोपियों ने ट्रायल कोर्ट में इसका विरोध किया लेकिन उनकी याचिका खारिज कर दी गई.