साध्वी सरस्वती भागवत कथा वक्त्ता संत हैं। विहिप की प्रमुख प्रचारक भी हैं वे नो वर्ष की अवस्था से आदिवासी स्थानों में जाकर सेवा करती रही। बचपन से भागवत कथा का गायन करती रही। इसी समय उन्होंने विहिप के सार्वजनिक मंच से एक बार 50 मिनेट का तेजस्वी वक्तव्य दिया उससे वे प्रसिद्ध हो गई।इसके बाद उन्होंने निरंतरता बना ली व साध्वी ऋतंभरा के बाद वे प्रमुख प्रचारक के रूप में जानी जाने लगी। साध्वी सरस्वती का जन्म मध्यप्रदेश के रीवा जिले मे बैकुंठपुर नामक क़स्बे में हुआ ! साध्वी के पिता का सपना इन्हें डॉक्टर बनाने का था क्योंकि वह खुद भी पेशे से एक डॉक्टर थे। परन्तु जिस उम्र में बच्चे अपनी पढ़ाई व अपना भविष्य बनाने में लगे रहतें हैं, साध्वी जी ने उसी उम्र में भक्ति सेवा व रामकथा करने में अपना जीवन समर्पित कर दिया। यह 20 वर्षीय बालिका बचपन से ही अपने समस्त सांसारिक सुखों को त्यागकर धर्म के प्रचार प्रसार में लग गई। इन्होंने 5 वर्ष की उम्र में ही संसार से विरक्त होकर भगवान के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।
आजकल सोशल मीडिया से कोई भी अछूता नहीं है, सोशल मीडिया ने साधु बाबाओं को भी अपनी गिरफ़्त में ले लिया है| आज हम आपको एक ऐसी ही साध्वी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे सोशल मीडिया की महारानी कहा जाता है|जिनकी खूबसूरती के चर्चे आपको पूरी सोशल मीडिया पर मिल जायेंगे|
यह साध्वी सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती है इस साध्वी का नाम है स्वामी अनादि सरस्वती| यह राजस्थान के अजमेर की रहने वाली हैं और इन्होनें समाजशात्र से एमए किया है और उसके बाद अध्यात्म का मार्ग चुना| आज वह देशभर में कथा करती हैं| ये केवल कथावाचक ही नहीं हैं बल्कि कई इंस्टिट्यूट और कंपनियों के कर्मचारियों को ट्रेनिंग भी देती हैं| उनके प्रवचन में धार्मिक बातों के साथ मॉर्डन ज्ञान व विज्ञान की बातें भी शामिल रहती हैं|
सोशल मीडिया पर उनके हज़ारों की संख्या में फ़ॉलोअर्स हैं जो उन्हें फॉलो करते हैं| आध्यात्म का मार्ग चुनने के बाद उन्होंने पतंजलि योगदर्शन, भगवद गीता और वेदांत का ज्ञान भी हासिल किया है| साल 1995 में अनादि सरस्वती इस साधना से जुड़ गयी थी तथा साल 2005 में एक कथावाचक के रूप में उभरकर दुनिया के सामने आयी| अनादि सरस्वती को बेस्ट फीमेल संत ऑफ़ इंडिया के अवार्ड का सम्मान भी मिल चुका है|