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दवाइयों के पत्ते पर क्यों होती है ‘लाल लकीर’? कभी न करें नजरअंदाज

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अक्सर लोग डॉक्टर से सलाह लिए बगैर दवाइयों का सेवन करते हैं. कई बार सही इलाज और सही दवा लेने के बावजूद उन्हें आराम नहीं मिलता. इसी लापरवाही के चलते उन्हें बेहतर इलाज नहीं मिल पाता. अच्छे इलाज के लिए न सिर्फ दवा का सही होना जरूरी है, बल्कि आपका तरीका भी ठीक होना चाहिए. दवाइयों के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक अच्छा संदेश दिया है.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से एक ट्वीट किया है जिसमें बताया गया है डॉक्टर की सलाह लिए बगैर आपको दवाइयों का सेवन नहीं करना चाहिए. इस पोस्ट में आगे लिखा है, ‘जिम्मेदार बनें और बिना डॉक्टर की सलाह के लाल लकीर वाली दवाई की पत्ती से दवाइयां न खायें. आप जिम्मेदार, तो दवाई असरदार.

ट्विटर पर पोस्ट की गई तस्वीर में लिखा है, ‘क्या आप जानते हैं? जिन दवाइयों की पत्ती पर लाल लकीर होती है उन्हें डॉक्टर की सलाह के बिना कभी नहीं लेना चाहिए. कुछ दवाइयों जैसे कि एंटीबायोटिक्स की पत्ती पर एक खड़ी लाल लकीर होती है. इसका अर्थ यह होता है कि इन दवाइयों को केवल डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही लेना चाहिए. हमेशा डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाई का पूरा कोर्स लें.’

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लाल रंग की पट्टी वाली दवाइयों का मतलब होता है कि उसे डॉक्टर द्वारा वेरीफाई किए बिना नहीं लेना चाहिए. यहां तक कि मेडिकल स्टोर वाले भी ये दवाइयां बिना डॉक्टर के पर्चे नहीं बेच सकते. एंटीबायोटिक दवाओं का गलत तरीके से इस्तेमाल रोकने के लिए ही दवाइयों पर लाल रंग की पट्टी लगाई जाती है.