Home समाचार टेलीकॉम कंपनियों को SC से झटका, सरकार वसूलेगी 92000 करोड़ रुपए

टेलीकॉम कंपनियों को SC से झटका, सरकार वसूलेगी 92000 करोड़ रुपए

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टेलीकॉम कंपनियों को सुप्रीम कोर्ट से आज बड़ा झटका लगा है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू की वसूली के मामले में टेलीकॉम विभाग के पक्ष में फैसला सुनाया है। अब टेलीकॉम कंपनियों को 92,000 करोड़ रुपए की बकाया रकम सरकार को चुकानी होगी। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, न्यायमूर्ति विनीत सरन और न्यायमूर्ति एस. रविंद्र भट की ती सदस्यीय पीठ ने टेलीकॉम विभाग द्वारा तय की गई एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) की परिभाषा को बरकरार रखा है।

टेलीकॉम विभाग की याचिका स्वीकार
पीठ ने कहा, ”हम समायोजित सकल आय की परिभाषा को बरकरार रहेगी।” इस संबंध में निर्णय के मुख्य हिस्से को पढ़ते हुए शीर्ष अदालत ने कहा, ”हम टेलीकॉम विभाग की याचिका को स्वीकार करते हैं, जबकि कंपनियों की याचिका खारिज करते हैं।” शीर्ष अदालत ने कहा कि उसने टेलीकॉम कंपनियों की सभी दलीलों को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने साफ किया कि कंपनियों को टेलीकॉम विभाग को जुर्माना और ब्याज की रकम का भुगतान करना होगा। पीठ ने स्पष्ट किया कि इस मामले मे आगे और कोई कानूनी वाद की अनुमति नहीं होगी। इसके अलावा वह समायोजित सकल आय की गणना और कंपनियों को उसका भुगतान करने के लिए समयसीमा तय करेगी।

एजीआर क्या है?
बता दें कि AGR में क्या क्या शामिल होगा इसकी परिभाषा को लेकर टेलीकॉम कंपनियोंं और सरकार के बीच विवाद चल रहा है। टेलीकॉम विभाग ने कहा था कि एजीआर में डिविडेंड, हैंडसेट की बिक्री, किराया और कबाड़ की बिक्री भी शामिल होनी चाहिए। टेलीकॉम कंपनियों का कहना था कि एजीआर में सिर्फ प्रमुख सेवाएं शामिल की जाएं। अदालत ने अगस्त में फैसला सुरक्षित रखा था। टेलीकॉम कंपनियों को एजीआर के आधार पर ही सरकार को स्पेक्ट्रम और लाइसेंस फीस चुकानी होती है। कंपनियां अभी टेलीकॉम ट्रिब्यूनल के 2015 के फैसले के आधार पर एजीआर की गणना करती हैं। इसके तहत वे अपने अनुमान के आधार पर स्पेक्ट्रम शुल्क और लाइसेंस फीस चुकाती हैं। टेलीकॉम विभाग लगातार बकाया की मांग करता रहा है।