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छत्तीसगढ़ : पत्नी मायके से नहीं लौट रही थी, गुस्से में बेटे व बेटी को मारकर कुएं में फेंक दी लाश

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पचपेड़ी क्षेत्र के ग्राम सोनसरी में दरिंदे पिता ने अपने एक बेटे व एक बेटी हत्या कर उनकी लाश कुएं में फेंक दी। वजह यह कि उसकी पत्नी नाराज होकर मायके चली गई थी और उसके बार-बार कहने के बाद भी ससुराल नहीं आ रही थी। इस घटना के बाद गांव में सनसनी फैल गई। पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है।

ग्राम सोनसरी निवासी दशरथ विश्वकर्मा पिता चंदराम विश्वकर्मा (40) रोजी-मजदूरी करता है। उसकी पत्नी कौशिल्या बाई भी घरेलू काम करती है। दशरथ के चार बच्चे थे, जिनमें सुनील विश्वकर्मा (12), सुमित विश्वकर्मा (10), आशा विश्वकर्मा (सात) व शशि विश्वकर्मा (दो) शामिल हैं। दशरथ अपनी पत्नी के साथ आए दिन मारपीट करता था और सनकी था। इससे त्रस्त होकर वह अपने बड़े बेटे सुनील व छोटी बेटी शशि को लेकर चार माह पहले जांजगीर-चांपा जिले के मोहदा स्थित अपने मायके चली गई थी। इस बीच बेटा सुमित व आशा गांव में दादा चंदराम, दादी पुन्नीबाई व बुआ के साथ रह रहे थे। पत्नी के मायके जाने के बाद दशरथ उसे बार-बार ससुराल लौटने की बात कह रहा था। लेकिन, कौशिल्या वापस आने के लिए तैयार नहीं थी। इसके चलते दशरथ आक्रोश में था। घटना गुरुवार की रात की है। दोनों भाई बहन सुमित व आशा पड़ोस में रामायण कीर्तन सुनने चले गए थे। उनके लौटने पर दशरथ उनसे गाली-गलौज कर विवाद करने लगा। दरअसल, वह पत्नी के नहीं लौटने का गुस्सा बच्चों पर उतारता था। इस पर उसके पिता चंदराम ने उसे मना किया। इसके बाद वह बच्चों को लेकर कमरे में चला गया। फिर अंदर उनके साथ मारपीट करते हुए उनका गला दबा दिया। बच्चों की पिटाई की आवाज सुनकर चंदराम व परिजन कमरे का दरवाजा खटखटाते रहे। काफी मशक्कत के बाद उसने दरवाजा खोला। लेकिन, तब तक बच्चे बेहोश हो गए थे। इस बीच परिजन आसपास के लोगों को बुलाने के लिए निकले। इतने में मौका पाकर उसने दोनों बच्चों को कुएं में डाल दिया। जब तक परिजन को इसकी भनक लगी, तब तक काफी देर हो चुकी थी और बच्चों की मौत हो गई थी। तड़के करीब चार बजे इस घटना की सूचना पुलिस को दी गई। दो बच्चों की हत्या की खबर मिलते ही पुलिस भी गांव पहुंच गई। तब तक गांव में सनसनी फैल गई थी और आसपास के लोगों की भीड़ जुटी थी। पुलिस ने शव को कुएं से निकालकर पंचनामा के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। वहीं आरोपित दशरथ के खिलाफ धारा 302 के तहत अपराध दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है।

सदमे में है मासूम बच्चों की मां

दो बच्चों की हत्या की खबर उनकी मां कौशिल्या को दी गई। खबर मिलते ही मायके से वह परिजन के साथ गांव पहुंची। अपने मासूम बच्चों को देखकर वह बिलख-बिलखकर रोने लगी। देखते ही देखते महिला सदम में आकर बदहवाश हो गई।

हत्यारे पिता के चेहरे पर नहीं थी सिकन

पुलिस ने सबसे पहले आरोपित दशरथ को पकड़ लिया। जानकारी जुटाने व शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने के बाद उससे पूछताछ भी की। इस दौरान उसके चेहरे पर सिकन तक नहीं थी। उसने पुलिस को बताया कि वह बार-बार पत्नी को वापस बुला रहा था। लेकिन, वह अपनी जिद पर अड़ी थी। इसके चलते ही उसने आवेश में आकर बच्चों की हत्या की है। आरोपित को अपनी करतूत पर कोई पछतावा भी नहीं है। यही वजह है कि वह पूरे समय पुलिस के सामने खुलकर बातें करता रहा।

गांव में होती रही चर्चा

दो भाई-बहन की बेरहमी से की गई हत्या को लेकर पूरे गांव के साथ ही आसपास में भी चर्चा होती रही। धनतेरस त्योहार के दिन हुई इस घटना को लेकर ग्रामीण सनकी पिता को ही कोसते रहे।

दो बच्चों के साथ उन्हें भी ले जाती, तो नहीं होती हत्या

अपने कलेजे के टुकड़े के शव को देखकर उनकी मां कौशिल्या अपने आप को ही दोषी ठहराती रही। अब उसके मन में पछतावा हो रहा है कि चार माह पहले ही वह दो बच्चों के साथ इन्हें भी लेकर चली जाती, तब यह दिन देखने को नहीं मिलता।