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छत्तीसगढ़ में धान खरीद में बिचौलिए सक्रिय, सरकारी खरीदारी में देरी

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राजधानी समेत प्रदेश के कई इलाकों में किसानों का धान खरीदने के लिए कुछ दलाल सक्रिय हो गए हैं। किसानों के धान की खरीदारी में हो रही देरी के कारण बिचौलिए और व्यापारी जमकर फायदा उठा रहे हैं। समर्थन मूल्य 2500 प्रति क्विंटल की जगह किसानों को कम दाम में ही धान बेचने की मजबूरी है। हालांकि रायपुर जिले समेत पूरे प्रदेश में समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी को लेकर शासन की तैयारी शुरू हो गई है। धान खरीदी पंजीयन में रायपुर जिले में किसानों की संख्या बढ़ी है। पिछले वर्ष की तुलना में 31 अक्टूबर तक करीब 13 हजार नए किसानों ने पंजीयन कराया है। 2018-19 में पंजीयन कराने वाले किसानों की संख्या 1,01,208 थी। वहीं धान पंजीयन में किसानों की संख्या बढ़ने से धान का रकबा भी बढ़ा है, जो कि 1,39,888 हेक्टर पहुंच गया, जबकि पिछले वर्ष यह रकबा 1,37,717 हेक्टेयर था। धान पंजीयन में किसानों की संख्या बढ़ने के पीछे समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी को बताया जा रहा है। किसानों का कहना है कि जरूरत पड़ने पर किसानों को धान बेचने की मजबूरी है।

एक दिसंबर से होगी धान की खरीदारी

छत्तीसगढ़ में चालू खरीफ सत्र की धान की खरीद एक दिसंबर से शुरू होगी और 15 फरवरी तक चलेगी। राज्य सरकार ने किसानों से 2,500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीद की योजना बनाई है। जिला विपणन अधिकारी एनके देवांगन ने बताया कि अभी तो किसानों का पंजीयन चल रहा है। धान खरीदारी के लिए तैयारी चल रही है।