पतंजलि दूध के पैकेट पर एक्सपायरी डेट को मिटाकर नई तिथि दर्ज करने के प्रकरण की जांच रिपोर्ट आने के बावजूद अभी तक विभाग मुख्य आरोपी तय नहीं कर पाया है। दूध के नमूनों की जांच में अमानक तत्व पाए गए हैं। उल्लेखनीय है कि शदाणी दरबार कॉम्प्लेक्स में एक्सपॉयरी डेट को मिटाने के गोरखधंधे का भंडाफोड़ हुआ था। जहां ये काम चला रहा था, उस गोदाम के किरायेदार का पता लगाने के लिए शदाणी दरबार ट्रस्ट को विभाग ने पत्र भेजा था, लेकिन खाद्य एवं औषधि विभाग को अभी तक उसका पता नहीं चल पाया है।
बता दें कि 32 हजार पतंजलि के दूध पैकेट जब्त किए गए थे। वहां काम करने वाले मजदूरों का बयान दर्ज किया गया था। मजदूरों ने बताया था- हम लोग ये नहीं जानते कि इन पैकेटों का क्या होगा।
काम देने वाले का नाम भी नहीं बताए। लिहाजा पूरा प्रकरण सिर्फ दूध के नमूनों की जांच तक सीमित रह गया। 15 दिन से ज्यादा समय बीतने के बाद इसकी रिपोर्ट आई थी। इस प्रकरण में कुछ भी बोलने से अधिकारी इनकार रहे हैं। उनकी दलील है कि किरायेदार का पता चलने के बाद ही पूरा प्रकरण कानूनी कार्रवाई के लिए पुलिस को सौंपा जाएगा।
गौरतलब है कि योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड अब टोन्ड दूध भी बेच रही है, जिसमें कुछ एक्सपायरी डेट से संबंधित शिकायत मिली थी। फिलहाल कंपनी देश के कुछ चुनिंदा शहरों में पतंजलि दूध बेच रही है। आगे चलकर पूरे देश में इसकी सप्लाई की जाएगी।