पुलिस चौकी में कथित रूप से किशोर द्वारा जहर सेवन किए जाने से पुलिस महकमे में खलबली मची है। वाड्रफनगर में प्राथमिक उपचार के बाद किशोर को गंभीर हालत में बनारस के एक अस्पताल में दाखिल कराया गया है। बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर पुलिस चौकी अंतर्गत एक गांव के 17 वर्षीय किशोर को कथित रूप से छेड़छाड़ की शिकायत पर वाड्रफनगर पुलिस चौकी में पदस्थ कुछ कर्मचारी दोपहर घर से पकड़कर पुलिस चौकी लाए थे। आरोप है कि पूछताछ के दौरान उससे प्रकरण में जेल जाने तक की बात कही गई। प्रकरण में किसी प्रकार की कार्रवाई न करने के नाम पर कथित रूप से पुलिस ने रकम की मांग की। फिर पुलिस ने उसे रुपये लाने की बात कहकर छोड़ दिया।
बताया गया कि शाम को जब किशोर लौटा तो कथित रूप से उसने पुलिस चौकी में ही कीटनाशक का सेवन कर लिया। चौकी में मौजूद पुलिसकर्मियों में खलबली मच गई। आनन-फानन में किशोर को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र वाड्रफनगर ले जाया गया। यहां प्रारंभिक जांच के बाद किशोर की गंभीर स्थिति को देखते हुए चिकित्सकों ने हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया।
रात में ही पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों की टीम उसके परिवार के कुछ सदस्यों को साथ लेकर बनारस पहुंची। बनारस के एक अस्पताल में किशोर को दाखिल कराया गया है, जहां उसका उपचार किया जा रहा है। आरोप है कि मामले को पुलिस दबाने में लगी हुई है। हालांकि उच्चाधिकारी पुलिस चौकी में विषपान करने के आरोपों को निराधार बता रहे हैं।
आइजी ने एसपी से मांगी रिपोर्ट
छेड़छाड़ व लैंगिक अपराधों से बालकों के संरक्षण अधिनियम की धारा के तहत दर्ज मामले में पुलिस द्वारा कथित रूप से प्रकरण रफा-दफा करने रुपयों की मांग किए जाने के लग रहे आरोपों को गंभीरता से लेते हुए आइजी केसी अग्रवाल ने इस आरोप की जांच की जिम्मेदारी बलरामपुर एसपी टीआर कोशिमा को सौंपी है।
आइजी केसी अग्रवाल ने बताया कि एसपी को आदेशित किया गया है कि वे प्रकरण से जुड़े सभी पक्षों से पूछताछ और मौके पर जाकर जांच करेंगे। उन्होंने बताया कि एसपी के जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।