इंटरव्यू में सैफ ने कहा कि नवाब होने के बावजूद उन्हें 2011 में अपने पिता की मृत्यु के बाद पैतृक सम्पत्ति पटौदी पैलेस को वापस लेना पड़ा था,वो भी बहुत सारे पैसे देकर, सैफ ने कहा कि मेरे पिता (मंसूर अली खान पटौदी) की मृत्यु के बाद पटौदी पैलेस नीमराणा होटल्स को किराए पर मिल गया था, अमन नाथ और फ्रांसिस होटल चलाते थे। जब फ्रांसिस का निधन हो गया तो नीमराणा होटल्स वालों ने कहा कि अगर मैं पटौदी पैलेस वापस चाहता हूं तो मैं उन्हें बता सकता हूं। मैंने उनसे कहा कि मुझे ये वापस चाहिए। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा, ठीक है, आप ये ले लो, लेकिन आपको हमें बहुत सारे पैसे देने होंगे।
अपनी ही चीज को पाने के लिए बेलने पड़े पापड़: सैफ
मैं तो हैरान रह गया क्योंकि वो चीज तो मेरी ही थी लेकिन मैं किसी भी बहस में नहीं पड़ा और मैंने जितना फिल्मों से कमाया था, वो सब देकर मैंने अपने पटौदी पैलेस को वापस लिया क्योंकि वो केवल मेरे लिए एक संपत्ति नहीं है बल्कि मेरे पापा का प्यार है।
शर्मिला टैगोर और मंसूर अली खान पटौदी के बेटे हैं सैफ
मालूम हो कि सैफ अली खान फिल्म अभिनेत्री शर्मिला टैगोर और दिवंगत क्रिकेटर मंसूर अली खान पटौदी के बेटे हैं। सैफ अली खान हरियाणा के पटौदी रियासत से ताल्लुक रखते थे। सैफ पटौदी पैलेस जाते रहते हैं। हाल ही में उन्होंने अपनी पत्नी का जन्मदिन यहीं सेलिब्रेट किया था।
सैफ का यह महल बहुत ज्यादा ही खूबसूरत है
आपको बता दें कि करीना-सैफ ने अपनी शादी की पार्टी भी इसी महल में ही दी थी, सैफ का यह महल बहुत ज्यादा ही खूबसूरत है, बताते चलें ‘पटौदी पैलेस’ सैफ के पिता मंसूर अली खान पटौदी को विरासत में मिला था और उसे आप कई फिल्मों में भी काफी निकटता से देख चुके हैं।
पाकिस्तानी जारा हयात खान का महल यही था…
अब आप पूछेंगे कि कैसे, तो सुनिए आपको यशचोपड़ा की बेहतरीन फिल्मों में से एक वीर-जारा याद है। जिसमें जारा हयात खान को पाकिस्तान के नवाब साहब की बेटी बताया गया था और वो बेहद ही सुंदर से आलीशान महल में रहती थी तो वो महल औऱ कोई नहीं पटौदी पैलेस ही था। खबर है कि बहुत जल्द अब इस पैलेस में टीवी डेली सोप की शूटिंग होने वाली है।
मैं यहां हूं..गाना यहीं फिल्माया गया था…
इस पैलेस में ही फिल्म का मशहूर गीत मैं यहां हूं…यहां फिल्माया गया था, इस महल में वीर-जारा के अलावा और भी बहुत सारी फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है। बहुत कम लोगों को पता है कि पटौदी पैलेस को आप वीर जारा, मंगल पांडे, रंग दे बसंती में देख चुके हैं।
महल में ही है कब्रगाह
मालूम हो कि हरियाणा के गुड़गांव से 26 किलोमीटर दूर अरावली की पहाड़ियों में बसे पटौदी रियासत का इतिहास करीब 200 साल पुराना है। भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और पटौदी रियासत के 9वें नवाब मंसूर अली उर्फ टाइगर की मौत के बाद 2011 में उनके बेटे सैफ अली खान यहां के 10वें नवाब बने थे। पटौदी रियासत की स्थापना सन् 1804 में हुई, जिसके पहले नवाब सैफ के पूर्वज फैज तलब खान थे। मंसूर अली उर्फ नवाब पटौदी की मृत्यु के बाद उन्हें महल परिसर में ही दफनाया गया था। उनके अन्य पूर्वजों की कब्र भी यहीं आसपास है।