Home छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ : ‘बीमार’ सरकारी अस्पतालों को चाहिए ‘बूस्टर इंजेक्शन’

छत्तीसगढ़ : ‘बीमार’ सरकारी अस्पतालों को चाहिए ‘बूस्टर इंजेक्शन’

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शहर में खड़े करोड़ों के सरकारी अस्पतालों में सुविधाएं तो हैं, लेकिन रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों, संसाधनों की कमी है। इन्हें बूस्टर इंजेक्शन यानी सुधारने के लिए ठोस प्लानिंग की जरूरत है। पंडरी के जिला अस्पताल में आज भी महज सर्दी-खांसी का ही इलाज हो रहा है। ऐसा ही कुछ हाल माना, गुढ़ियारी और भाठागांव सिविल अस्पताल का है। 50 बेड के लिए इन्हें बनाया गया, लेकिन डॉक्टरों की कमी के चलते ये 30 बेड के रूप में संचालित हो रहे हैं। अस्पताल प्रबंधन ने संसाधनों की मांग की थी, लेकिन वह फाइलों में दफन हो गई। आंबेडकर अस्पताल में बढ़ रहे मरीजों के दवाब को कम करने के लिए इन्हें वैकल्पिक रूप से मजबूत बनाने की जरूरत है। यहां हर डिपार्टमेंट है, लेकिन डॉक्टरों की तैनाती नहीं हो पाई है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक डॉक्टर नहीं हैं। हां, जनरल मेडिसिन और प्रसव संबंधी संसाधन मौजूद हैं। कहीं-कहीं इसे पूरा करने की तैयारी चल रही है।

पंडरी जिला अस्पताल में कई विभाग में डॉक्टर नहीं

पंडरी जिला अस्पताल में स्त्री रोग, शिशु रोग के डॉक्टर नहीं हैं। इसका एक हिस्सा आज भी कालीबाड़ी जच्चा-बच्चा अस्पताल में है। नेत्र रोग विभाग में अभी प्राइवेट चिकित्सक बैठ रहे हैं। अस्थि रोग विभाग में विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं है। सिर्फ मलहम-पट्टी, प्लास्टर करने की व्यवस्था है। आयुष विभाग, वयोवृद्ध विभाग में डॉक्टर हैं। यहां सर्दी-खांसी के ही मरीज आते हैं। इसके पीछे कारण है कि अन्य रोगों के डिपार्टमेंट के डॉक्टर नहीं हैं। पंडरी में पुराने जिला अस्पताल से जच्चा-बच्चा को छोड़कर दंत, नेत्र सहित अन्य डिपार्टमेंट स्थानांतरित किया जाना था।

आपातकालीन चिकित्सा में भी डॉक्टरों की कमी

आपातकालीन चिकित्सा में डॉक्टरों की कमी है। सर्जन के एक और सामान्य मेडिसिन के ही डॉक्टर हैं। यहां आने वाले दुर्घटनाग्रस्त लोगों की जांच के लिए उपकरण नहीं हैं, जिसके चलते आंबेडकर अस्पताल रेफर कर दिया जाता है।

यहां से संचालित हो रही है ओपीडी

स्त्री रोग, शिशु रोग विभाग में डॉक्टर नहीं हैं। अस्थि, नेत्र रोग, ईएनटी, दंत रोग, एनसीडी, वयोवृद्ध विभाग, आयुष विभाग, फिजियोथेरेपी, मेजर ओटी, माइनर ओटी विभाग हैं।

जांच की ये हैं सुविधाएं

पैथोलॉजी, एक्सरे, सोनोग्राफी, इकोकार्डियोग्राफी, टीकाकरण कक्ष, अंतः रोगी कक्ष और ब्लड बैंक है।

डॉक्टरों की कमी दूर होगी

पंडरी जिला अस्पताल के सिविल सर्जन और अधीक्षक रवि तिवारी ने कहा कि डेंटल, ईएनटी विभाग को कालीबाड़ी से यहां शिफ्ट किया जाएगा। अभी हर दिन करीब 500 मरीज ओपीडी में आने लगे हैं। बाकी कमियों को लगभग दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।

माना सिविल अस्पताल का अपडेट होना बाकी, एक्सरे की मिलने लगेगी सुविधा

माना सिविल अस्पताल को अभी और अपडेट किया जाना है। 30 बेड की सुविधा वाले इस अस्पताल में सिर्फ जनरल फिजीशियन ही हैं। स्थापना से पूर्व इस अस्पताल को 50 बेड वाले अस्पताल के रूप में सुसज्जित करने का प्लान था। यहां पांच डॉक्टर तैनात हैं। स्त्री रोग का डॉक्टर नहीं है। स्टॉफ नर्स के जरिए ही डिलीवरी कराई जा रही है।

इमरजेंसी में आंबेडकर अस्पताल रेफर किया जाता है। नेत्र रोग का इलाज अभी शुरू हुआ है। इस अस्पताल को 100 बिस्तर में तब्दील करना था, लेकिन अभी शासन से मंजूरी नहीं मिल पाई है। यहां भी सामान्य रोग सर्दी-खांसी के इलाज की सुविधा है।

अब ये मिलेंगी नई सुविधाएं

माना सिविल अस्पताल में एक्सरे मशीन, लैब की स्थापना की जाएगी। एक्सरे मशीन आ गई है। जल्द ही यहां खून, मूत्र आदि जांच के लिए पैथौलॉजी की स्थापना की जाएगी।

प्रभारी बोले, मरीजों की संख्या पहले से बढ़ी है

माना सिविल अस्पताल के प्रभारी डॉक्टर जीसी सरकार ने बताया कि पहले से अब यहां मरीजों की संख्या बढ़ी है। आने वाले समय में यहां एमआरआइ सहित अन्य सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी।

भाठागांव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनेगा मॉडल

भाठागांव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में अभी सर्दी खांसी और सामान्य बीमारियों के इलाज की सुविधा है। इसे मॉडल बनाए पर आने वाले समय में सुविधाएं मिलने लगेंगी। अभी चार डॉक्टर हैं। रोज 80 से 100 मरीज ओपीडी में आते हैं। प्रभारी भाठागांव अंकित अग्रवाल ने बताया कि सुविधाएं कम हैं, खून और पेशाब के अलाव यहां कोई जांच नहीं हो पाती है। टीवी सेंटर पर बलगम की आदि की जांच होती है।

गुढ़ियारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की सुविधाओं का प्रपोजल अटका

गुढ़ियारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सुविधाओं का प्रपोजल अटका है। अस्पताल 6500 वर्गफीट क्षेत्र में है। भूतल पर दो हाल, 10 कमरे, एक ऑपरेशन थिएटर, प्रथम तल पर तीन हाल एवं चार कमरे हैं। इसे आने वाले समय में 100 बिस्तर का बनाया जाना था। लेकिन अभी मंजूरी नहीं मिल पाई है। यहां सिर्फ दो डॉक्टर ही हैं, सामान्य बीमारियों का इलाज यहां होता है, प्रसव की भी सुविधा है।