छत्तीसगढ़ पीएससी द्वारा आयोजिल की गई सिविल जज भर्ती परीक्षा को हाईकोर्ट ने रद्द करने का फैसला सुनाया है। शुक्रवार को हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए इस परीक्षा को रद्द करने का फैसला लिया। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की गई इस परीक्षा में कई प्रश्नों पर अभ्यर्थियों ने आपत्ती जताई थी। इसके बाद यह मामला हाईकोर्ट पहुंचा था। अदालत ने अभ्यर्थियों की आपत्ती को सही पाते हुए परीक्षा को रद्द किए जाने का फैसला लिया। हाईकोर्ट के निर्देश पर अब इन पदों के लिए दोबारा परीक्षा ली जाएगी। अदालत ने पीएससी को यह आदेश दिया है कि जो अभ्यर्थी इस परीक्षा में शामिल हुए थे, उनसे दोबारा होने वाली परीक्षा में कोई भी शुल्क नहीं लिया जाए।
बता दें कि राज्य के विभिन्न न्यायालयों में रिक्त सिविल जजों के पदों पर भर्ती के लिए मई 2019 को राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम से परीक्षा आयोजित की गई थी। लोक सेवा आयोग ने जुलाई में इस परीक्षा का रिजल्ट भी जारी किया गया था।
मामले में जस्टिस गौतम भादुड़ी की बेंच ने सुनवाई करते हुए परीक्षा और परिणाम को रद्द करने के साथ शुल्क संबंधी फैसला सुनाया है। याचिका कर्ताओं परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों को लेकर आपत्ती दर्ज कराई थी। अभ्यर्थियों के अनुसार परीक्षा में अव्यवहारिक और विषय से बाहर के सवाल पूछे गए थे।
इसके अलावा कुछ सवालों में उत्तर के विकल्प गलत दिए गए थे। परीक्षा और परिणामों को रद्द किए जाने के बाद अब राज्य लोक सेवा आयोग नए सिरे से इसकी सूचना जारी कर पुनः परीक्षा का आयोजन करेगा और इस परीक्षा में पूर्व में शामिल हो चुके अभ्यर्थियों से किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाएगा।