रेप के आरोप में फंसे जिस कथित स्वामी नित्यानंद को लेकर भारत की पुलिस तलाश कर रही है, अदालतें नोटिस पर नोटिस जारी कर रही हैं, उस नित्यानंद के बारे में बहुत ही चौंकाने वाली और देश के शायद बहुत ही बुरी साबित होने वाली खबर आ रही है, जिस पर सहज ही विश्वास करना कठिन है किंतु, अंतर्राष्ट्रीय मीडिया की खबरों से इसकी पुष्टि होती है।
खबरों के अनुसार फरार चल रहे बलात्कार के आरोपी नित्यानंद ने खुद का एक अलग राष्ट्र बना लिया है।कि नित्यानंद ने इक्वाडोर में एक निजी द्वीप खरीदा, जिसका नाम उसने ‘कैलासा’ रखा। नित्यानंद ने अपने द्वीप राष्ट्र के लिए पहले से ही एक ध्वज, पासपोर्ट, प्रतीक चिन्ह डिजाइन किया है। समझा जा सकता है कि, यह तमाम तैयारियां वह भारत में रहते हुए ही कर चुका होगा। पुलिस को उसकी तलाश थी, अदालतों को भी। फिर भी वह देश की आंखों में धूल झोंककर भाग गया, इतना धन भी साथ ले जाने में सफल रहा, जिससे पूरा द्वीप खरीदा जा सका और अपना अलग राष्ट्र भी बना सका।
कहां है ‘कैलासा’:
स्वयंभू गॉडमैन यानी खुद को भगवान घोषित कर चुके नित्यानंद ने त्रिनिदाद और टोबैगो के करीब स्थित इस द्वीप को एक हिंदू संप्रभु राष्ट्र घोषित किया है। कैलासा में एक प्रधानमंत्री के पद के साथ एक कैबिनेट की भी व्यवस्था है।
नित्यानंद ने एक सार्वजनिक घोषणा के साथ लोगों से देश के लिए दान देने का भी आह्वान किया है और जिसके माध्यम से एक ‘महानतम हिंदू राष्ट्र ‘ कैलासा की नागरिकता मिल सकती है।
इस कथित राष्ट्र की वेबसाइट के मुताबिक, कैलासा एक अराजनैतिक राष्ट्र है, जिसकी दृष्टि पूरी मानवता पर है। इस लक्ष्य के लिए यह राष्ट्र एक प्रामाणिक हिंदू धर्म पर आधारित एक प्रबुद्ध संस्कृति और सभ्यता की बहाली और पुनरुद्धार के लिए समर्पित है, जो कभी अफगानिस्तान, भारत, नेपाल, बर्मा, श्रीलंका, सिंगापुर, मलेशिया, कंबोडिया और इंडोनेशिया समेत पूरे महाद्वीप में 56 से अधिक देशों में स्वतंत्र रूप से प्रचलित था। लेकिन आज एक सहस्राब्दी (कई सालों) से उत्पीड़न के कारण यह हिंदू धर्म पर आधारित एक प्रबुद्ध संस्कृति और सभ्यता विलुप्त होने के कगार पर पहुंच गया है।
दो तरह के पासपोर्ट लागू:
नित्यानंद के स्वघोषित राष्ट्र ‘कैलासा’ के लिए दो तरह के पासपोर्ट संस्करण को अंतिम रूप दिया गया है। एक सुनहरे रंग का और दूसरा लाल। कैलासा के राष्ट्र ध्वज का पृष्ठभूमि मैरून रंग का है। इसमें दो प्रतीक चिन्हों का लगाया गया है जिसमें एक सिंहासन पर बैठे नित्यानंद और दूसरा नंदी (बैल) है।
नित्यानंद ने अपने स्वंयभू राष्ट्र के लिए एक कैबिनेट और एक अनुयायी (उसका खास करीबी सहयोगी है) को नियुक्त किया है जो ‘मां’ के नाम से प्रधान मंत्री के रूप में जाना जाता है। सूत्रों ने ‘रिपब्लिक भारत’ ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि विवादास्पद स्वयंभू गॉडमैन अपने द्वीप पर हर दिन कैबिनेट बैठकें करते रहे हैं।
ऐसी होगी ‘कैलास’ की सरकार:
वेबसाइट के अनुसार, कैलासा दुनिया भर के हिंदुओं के लिए सीमाओं के बिना एक राष्ट्र है, जिन्होंने अपने देशों में प्रामाणिक रूप से हिंदू धर्म का अभ्यास करने का अधिकार खो दिया है।
‘कैलासा’ सरकार में 10 विभाग हैं, जिनमें एक ‘responsible for the Office’ भी शामिल है। यह विभाग नित्यानंद परमशिवम चलाते हैं और सरकार के अंतर्राष्ट्रीय संबंधों, डिजिटल इंगेजमेंट और सोशल मीडिया के कार्यालय के तौर पर काम करता है। वहीं कैलासा सरकार में गृह मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, वाणिज्य मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय जैसे अन्य विभाग भी शामिल हैं।
UN में लगाई मान्यता याचिका:
‘कैलासा’ की कानूनी टीम संयुक्त राष्ट्र को एक राष्ट्र के रूप में मान्यता देने की याचिका पर काम कर रही है। याचिका में, नित्यानंद ने खुद को पीड़ित बताते हुए दावा किया कि उसका जीवन भारत में संकट में है क्योंकि वह हिंदू धर्म का अभ्यास करना और फैलाना चाहता है।
वर्तमान में इक्वाडोर के व्लादी द्वीपों (Vladi islands) से खरीदे गए इस द्वीप की संप्रभु स्थिति है और निजी है। इससे पहले बलात्कार के आरोपी नित्यानंद ने मध्य अमरीकी देश बेलीज (Belize) की नागरिकता के लिए आवेदन किया था। 30/09/2018 को नित्यानंद का पासपोर्ट की अवधि समाप्त हो गया था और भारतीय पासपोर्ट अधिकारियों ने इसे नवीनीकृत करने से इनकार कर दिया था।
नित्यानंद कैसे देश से बाहर नेपाल के रास्ते वेनेजुएला के फर्जी पासपोर्ट का इस्तेमाल कर देश से भाग गए थे। भारत में नित्यानंद पर कई अदालतों में कई गंभीर मामले चल रहे हैं। वह जमानत पर बाहर था। पिछले एक साल में नित्यानंद को 43 समन जारी किए हैं।
मालूम हो कि, गुजरात में अहमदाबाद के हाथीजन इलाके में डीपीएस स्कूल परिसर में चलने वाले नित्यानंद आश्रम और उसके मालिक पर बच्चों और महिलाओं को अगवा करने, उनको गायब करने और महिलाओं से दुष्कर्म के आरोप हैं।
रविवार को आई खबर के मुताबिक सम्बंधित स्कूल डीपीएस की संचालक मंजुला पूजा श्रॉफ, प्रिंसिपल अनीता दुआ, ट्रस्टी हितेन वसंत के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया है, लेकिन दूसरी ओर कैलोरेक्स के अमिताभ शाह के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। गलत दस्तावेज पेश करने के लिए शिक्षा विभाग पहले ही सीबीएसई को स्कूल की मान्यता रद्द करने हेतु लिख चुका है।