अभी तक आपने ग्रे रंग के ही कबूतर देखे होंगे, लेकिन क्या कभी हरे रंग के कबूतर भी देखें हैं। जी हां, दुनिया में हरे कबूतर भी मौजूद है और वो कहीं और नहीं बल्कि भारत में ही मौजूद हैं। हरे रंग कबूतरों का झुंड केरल के कासरगोड की एक ग्राम पंचायत के गांव में रह रहा है। इसको लेकर गांव वाले काफी उत्साहित हैं और कुंबला ग्राम पंचायत ने किदूर गांव की एक सड़क का नाम नारंगी गले वाले हरे कबूतरों के नाम पर ही रख दिया। हालांकि ये अनोखे पक्षी वैसे तो केरल में इक्के-दुक्के दिखते हैं,लेकिन किद्दूर गांव को इन्होंने अपना घर बना लिया है।
इन अनोखे कबूतरों को ऑरेंज ब्रेस्टेड ग्रीन पिजन (ओबीजीपी) नाम से जाना जाता है तथा इनको पहली बार 2016 में देखा गया था। तब से लेकर जुलाई और अगस्त महीने को छोड़कर ये कबूतर साल भर इसी गांव में रहते हैं। साल 2017 में तो 31 कबूतरों का एक झुंड यहां देखा गया था जिसने यहां अपना बसेरा बना लिया है।
हरे रंग के कबूतरों को लेकर गांव वालों का कहना है कि ओबीजीपी हमारे छोटे से गांव की पहचान बन गए हैं। असल में हमने पाया कि जंगलों के बाहर शायद हमारे गांव में ही ये सारे साल देखे जाते हैं। इन्हें देखने के लिए जब कई पक्षीविज्ञानी हमारे गांव आने लगे तो हमने सोचा कि क्यों न जिस सड़क के आसपास इनके सबसे ज्यादा घोंसले हैं उसको इन्हीं का नाम दे दिया जाए। इससे लोगों के मन में इनके संरक्षण का विचार भी पैदा होगा जिसका संदेश अगली पीढ़ी तक जाएगा।
आपको बता दें कि किदूर तरह-तरह के पक्षियों की प्रजातियों के लिए जाना जाता है। यहां साल 2017 में 156 पक्षियों की किस्में देखी गई थी। इनमें से तीन संकटापन्न प्रजाति की थीं, जिनमें ग्रे सिर वाली बुलबुल भी शामिल है।