मुख्य टॉपिक पे आने से पहले थोड़ी जानकारी दे दूं की दुनियाभर को हिला देने वाली टिकटोक, असलियत में बीजिंग स्थित एक चाईनीज कम्पनी है।
और इस चाईना के माल को हिला दिया है महज 17 साल की एक मुस्लिम लड़की के महज एक वीडियो ने।
तो पूरा बखेड़ा शुरू होता है, न्यूजर्सी की रहने वाली फिरोज़ा अज़ीज़ के अपने टिकटोक-अकाउंट पे पलकें संवारने के बारे में बताती एक छोटी सी वीडियो डालने से। जी हां, पलकें संवारने के बारे में बताती वीडियो। जिसमे वो पलकों की बात करते करते, चाइना में मुस्लिमो पे हो रही ज्यादतियों की बात करने लग जाती है। चाईनीज सरकार द्वारा हो रहे मुस्लिमो के अपहरण, खून, रेप, सजाओ और उन्हें डैथ केंप्स में धकेल दिया जाना, के बारे में लोगों को सर्च करने और अवेयर होने को कहती है।
और दुबारा पलकों के बारे में बताने लग जाती है।
चालीस सेकंड में सिमट जाती इतनी सी वीडियो में बताए गए फिरोजा के व्यंग और निंदा करने के एक अलग ही मॉर्डन तरीके को लोगो ने इतना पसंद किया कि वीडियो कुछ ही घंटो में वाइरल तो हो ही गया, एक ही दिन में हजारों बार शेयर भी किया गया, और पचास लाख से ज्यादा बार देख भी लिया गया।
जाहिर है, अपने देश और अपनी सरकार की हो रही इतनी ठुकाई, टिकटोक को रास आने वाली नहीं थी। और उससे गलती हो ही गई। उसने वीडियो को डाऊन कर दिया, और फिरोजा के अकाउंट को सस्पेंड। फिर तो क्या था, लोगो ने अब टिकटोक की ठुकाई करना शुरू कर दिया। इसे “फ़्रीडम ऑफ स्पीच” पे हमला बताया गया। और एक 17 साल की लड़की अपनी मधुर सुरीली आवाज से भी किस तरह दुनिया की इतनी बड़ी टेक जायंट कम्पनी के कानों तक में छेद कर सकती है, इसपे मीम बनने लग गए।
बात का बखेड़ा, और बखेड़े का इतना बड़ा बवंडर होता देख, टिकटोक को लड़की की वीडियो बेक टू नोर्मल तो लानी ही पड़ी, बल्के सस्पेंडेड अकाउंट भी ताबड़तोड़ री एक्टिवेट करना पड़ा। उसके मिंचडी आंख वाले मैनेजमेंट को खुद सामने आकर झूट मूट की सफाई देनी पड़ गई वो अलग।