किसान के खेतों में फसलों के कटाई के बाद जो पैरा होता है उसे अधिकतर किसान खेत में ही जला दे ते थे ,जिससे वायुमंडल तो गंदा होता था लेकिन आग लगने का खतरा मंडराया करता था, लेकिन तरीघाट गांव के ने मिशाल पेश की है,किसानो व ग्रामीणों ने मिलकर संकल्प लिया है कि उन पैरों को गौठान या गौशाला में दान किया जाएगा।
ताकि जानवरों को आसानी से चारा मिल जाएगी और चरवाहे को ज्यादा दिक्कतों का सामना नहीं करना होगा,ग्रामीणों ने पैरादान करने की पहल से छत्तीसगढ़ शासन द्वारा चलाये जा रहे नरूवा,घुरूवा ,गरूवा,बारी को बचाने की मुहिम को गति मिलेगी ,इसकी शुरुआत तरीघाट के सरपंच गणेश भारती, उपसरपंच चंद्रिका साहू ने की तथा गांव की महिला पार्वती यादव,कुमारी बाई, पर्मिला सांगड़े,बडी संख्या में उपस्थित हुए