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भूपेश बघेल : छत्तीसगढ़ सरकार राम वनगमन स्थलों को विकसित करने में जुटी…

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छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार राज्य में राम वनगमन स्थलों को विकसित करने में जुट गई है। सोमवार को इसकी शुरुआत रायपुर जिले के चंदखुरी स्थित कौशल्या मंदिर से हुई। कांग्रेस सरकार ने राम वनगमन के प्रथम चरण में उन आठ स्थलों को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किए जाने की योजना बनाई है, जहां से भगवान राम वनवास के दौरान गुजरे थे या ठहरे थे। कहा जाता है कि भगवान राम 75 स्थानों से होकर गुजरे थे।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सालभर पहले सत्ता में आते ही छत्तीसगढ़ में राम वनगमन पर्यटन परिपथ बनाए जाने की घोषणा की थी। इसके तहत छत्तीसगढ़ सरकार राम वनगमन पथ पर पड़ने वाले महत्वपूर्ण स्थलों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर रही है।

सरकार की योजना के मुताबिक, प्रथम चरण में सीतामढ़ी हरचौका, रामगढ़, शिवरीनारायण, तुरतुरिया, चंदखुरी, राजिम, सिहावा के सप्तऋषि आश्रम, जगदलपुर और सुकमा जिले के रामाराम को राज्य शासन के पर्यटन विभाग द्वारा पर्यटन परिपथ के रूप में विकसित किया जा रहा है।

आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी के अनुसार, राम वनगमन मार्ग में आने वाले स्थलों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का काम रायपुर जिले के आरंग तहसील के गांव चंदखुरी स्थित माता कौशल्या मंदिर से शुरू किया है। इस प्राचीन मंदिर परिसर का भी जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण किया जा रहा है।

प्रदेश के गृह और पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में राम वनगमन पर्यटन परिपथ के निर्माण और माता कौशल्या मंदिर परिसर के सौंदर्यीकरण से प्रदेश के पर्यटन को एक नई पहचान मिलेगी।

वहीं, भाजपा राज्य सरकार की मंशा पर सवाल उठा रही है। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने ने धर्म के ठेकेदार वाले लहजे में कहा, “यह तो सिर्फ वोट पाने और वाहवाही लूटने का हथकंडा मात्र है। ये लोग उस पार्टी के हैं, जिसने न तो रामसेतु को माना और न ही राम के अस्तित्व को। राहुल गांधी हों या प्रियंका गांधी, वे मंदिर-मंदिर गए मगर उनकी राम में आस्था ही नहीं है। इसलिए इन लोगों पर भरोसा नहीं किया जा सकता।”

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी तो पहले ही रामवन गमन को विकसित करने की बात कह चुके हैं। वह भी कह चुके हैं कि कांग्रेस तो सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए यह सब कर रही है।

शोधकर्ताओं के शोधग्रंथों से प्राप्त जानकारी अनुसार, प्रभु श्रीराम ने अपने वनवास काल के 14 वर्षो में से लगभग 10 वर्ष से अधिक समय छत्तीसगढ़ में ही बिताया था।

विभिन्न शोध प्रकाशनों के अनुसार, भगवान राम ने छत्तीसगढ़ में वनगमन के दौरान लगभग 75 स्थलों का भ्रमण किया, जिनमें से 51 स्थल ऐसे हैं, जहां प्रभु राम ने भ्रमण के दौरान ठहरकर समय बिताया था। राम वनगमन स्थलों में से प्रथम चरण में आठ स्थलों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए चुना गया है।

बताया गया है कि जिन आठ स्थलों को विकसित किया जा रहा है, वहां जरूरत के अनुसार पहुंच मार्ग का उन्नयन, साइनजेस, पर्यटक सुविधा केंद्र, इंटरप्रिटेशन सेंटर, वैदिक विलेज, पगोड़ा, वेटिंग शेड, मूलभूत सुविधा (पेयजल व्यवस्था, शौचालय), सीटिंग बेंच, रेस्टोरेंट, वाटर फ्रंट डेवपलमेंट, विद्युतीकरण आदि कार्य कराए जाएंगे।