तेलंगाना के हैदराबाद में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) का तीन दिवसीय शिविर चल रहा है। इससे पहले संघ कार्यकर्ताओं ने शहर में पदयात्रा निकाली। संघ कार्यकर्ताओं की पदयात्रा का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। संघ की पदयात्रा को लेकर सोशल मीडिया यूजर्स आलोचना कर रहे हैं। यूजर्स संघ कार्यकर्ताओं के हाथ में दिखाई दे रही लाठियों को लेकर सवाल उठा रहे हैं।
संघ की पदयात्रा को कुछ यूजर्स शक्ति प्रदर्शन करार दे रहे हैं। अर्जुन सेठी नाम के यूजर ने लिखा, ”पूरे विश्व को यह वीडियो जरूर देखना चाहिए। जैसा कि चेतन आवाजें भारत में न्याय की मांग करती हैं, तेलंगाना जैसी जगह पर आरएसएस संगठित हो रहा है। वे एक हिंदू गणराज्य बनाना चाहते हैं। आरएसएस नाजियों से प्रेरित था। मोदी खुद उसके सदस्य हैं।”
आरएसएस की पदयात्रा को लेकर एक यूजर ने हैदराबाद पुलिस के नोटिस पर सवाल उठाया जिसमें कहा गया कि 28 दिसंबर को किसी भी तरह से जुलूस, रैली, मार्च और सार्वजनिक सभा पर प्रतिबंध लगाया गया है। मोहम्मद अली ताजदार नाम के यूजर ने लिखा, ”तो फिर आरएसएस रैली निकाल सकता है, वह भी लाठियों के साथ? क्या अलग लोगों के लिए अलग कानून है?”
इसी तरह आरएसएस की पदयात्रा पर सवाल खड़ा करने वाली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, जिनमें संघ को ट्रोल किया जा रहा है।
बता दें कि हैदराबाद के विभिन्न इलाकों से लगभग आठ हजार आरएसएस कर्यकर्ताओं ने सरूरनगर स्थित इंडोर स्टेडियम के लिए लाठियों के साथ पदयात्रा निकाली थी। इस कार्यक्रम में आरएसएस के सर संघचालक मोहन भागवन मुख्य वक्ता थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस वक्त तेलंगाना में संघ की 3, 494 शाखाएं चलती हैं, जिनमें से 800 हैदराबाद में हैं।