Home छत्तीसगढ़ लड़की की इज्जत बचाया ट्रक ड्राइवर, फिर…

लड़की की इज्जत बचाया ट्रक ड्राइवर, फिर…

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माना जाता है कि लड़कियां पिता के कंधे पढ़कर बहुत होती है। लेकिन अब कुछ ऐसा बात नहीं है। अगर वही लड़की को हर एक पिता अपने अपनी बेटी को शिक्षा के लिए स्कूल कॉलेज भेजते हैं तो वही लड़की पढ़-लिखकर अपने पिता का नाम रोशन करती है। आज मैं आपको एक बिल्कुल ही सत्य घटना बताने जा रहा हूं। लेकिन मैं कहता हूं जिस घर में बेटी ना हो उस घर की रौनक ही नहीं होती ।लेकिन वह पिता बहुत ही खुशनसीब है जिसने यह बोझ उठाने का मौका मिला है।

आजकल की युग में कोई भी व्यक्ति अनजान की मदद नहीं करता हैं। मैं अब आपको उस सत्य घटना के बारे में बताता हूं ।एक ड्राइवर था जिसका नाम शकील था और बेचारा इस संसार में बिल्कुल अकेला था ।उसने अपने बीवी बाल बच्चे सभी को एक भयानक दुर्घटना में भगवान को प्यारा हो गए थे।लेकिन कहां जाता है ना कि भगवान कभी भी अच्छे इंसान को दुखी नहीं रखते। वही शकील के साथ हुआ वह एक ट्रक चलाकर अपनी जिंदगी किसी तरह जी रहा था । एक दिन शकील अपने ट्रक में सामान लादकर अपने घर की ओर जा रहा था तभी उसने देखा कि सड़क के बगल में एक सुनसान जगह पर गाड़ी लगा हुआ था।

वहीं उसने एक लड़की की चीखने की आवाज सुनाई दी और वह बचाओ बचाओ बोल रही थी। तभी शकील ने अपने ट्रक से राड निकाला और शकील के साथ एक अमित नाम का कंडक्टर भी था । दोनों ने देखा कि एक लड़की को 4 लड़के मिलकर घेरे हुए थे और जबरदस्ती करने की कोशिश कर रहे थे। तभी शकील और अमित दौड़कर चारों लड़कों पर हमला किया और उन चारों को मार कर भगा दिया।

शकील ने लड़की से उसके परिवार के बारे में पूछा तो लड़की ने बताया कि मेरा इस संसार में कोई भी नहीं है और मैं एक अनाथ आश्रम में पली-बढ़ी हूं ।मैं अब एक कॉल सेंटर में पार्ट टाइम जॉब कर रही हूं। शकील ने भी अपने बारे में उस लड़की को बताया कि मेरा भी इस संसार में कोई नहीं है। क्या तुम मेरी बेटी बनोगी तो लड़की मान गई।

वाकई, गर्व है इस पिता पर जो एक अनजान सी लड़की को अपनी बेटी बनाया और इस लड़की ने शकील को अपने पिता के रूप में पाया।