भारत की संसद ये बार बार कह रही थी कि CAA बिल पाकिस्तान ही नहीं बल्कि अफगानिस्तान और बंगलादेश में प्रताड़ित हो रहे उन हिन्दुओ और सरदारों के लिए है जिनका दोष केवल इतना है कि वो मुसलमान नहीं हैं . सरकारी सुरक्षा में चलने वाले नेताओं में सिद्धू और अमरिंदर जैसों ने अपने आला कमान राहुल गाँधी और सोनिया गांधी के साथ उत्तर प्रदेश में मेहनत कर रहीं प्रियंका गांधी के भी मूड को भांप लिया और पंजाब में भी NRC और CAA का विरोध करना शुरू कर दिया.
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के तमाम बार विचार नवजोत सिह सिद्धू के खिलाफ ही होते हैं लेकिन CAA मामले में उन्होंने नवजोत सिंह सिद्धू की विचारधारा से खुद को जोड़ लिया और इसका विरोध करने लगे. यद्दपि कैप्टन अमरिंदर सिंह भारत के सीमावर्ती प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं जिनको बेहतर ढंग से पता था कि सीमा पार सिखों के साथ हो क्या रहा है लेकिन राजनैतिक कारणों से वो इस पर खामोश बने रहे और इस बिल का विरोध करते रहे..आखिरकार ननकाना साहिब पर मजहबी उन्मादियो ने हमला कर दिया.
पाकिस्तान सरकार भले ही सफाई दे रही है कि ननकाना साहिब सुरक्षित है लेकिन दुनिया भर में न्यूज़ चैनलों ने वहां पर हुए इस हमले को दिखाया.. यद्दपि झूठ और पाकिस्तान एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. अब पाकिस्तान परस्त खालिस्तानियो को छोड़ कर बाकी दुनिया भर में हिन्दू और सरदारों में आक्रोश है तो ऐसे में ये देखना है कि क्या पाकिस्तान और अफगानिस्तान में प्रताड़ित हो रहे सिखों की भलाई के लिए इस CAA बिल पर कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू अपनी प्रतिक्रिया बदलेंगे या नहीं ?