सुप्रीम कोर्ट ने CAA नागरिकता संशोधन कानून पर रोक लगाने से मना कर दिया है। कोर्ट में 140 से ज्यादा दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई हुई। एससी ने कहा कि सिर्फ पांच जजों की संविधान पीठ ही अंतरिम राहत दे सकती है। केंद्र सरकार को नई याचिकाओं पर चार हफ्ते में जवाब मांगा गया है।
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एस. ए. बोबडे ने कहा कि हम अभी कोई भी आदेश जारी नहीं कर सकते हैं, क्योंकि काफी याचिकाओं को सुनना बाकी है। ऐसे में सभी याचिकाओं को सुनना जरूरी है। फिलहाल हम सरकार को प्रोविजनल नागरिकता देने के लिए कह सकते हैं। हम एक पक्षीय तौर पर कोई रोक नहीं लगा सकते।
अटार्नी जनरल ने कहा, अगर ये लोग इस तरह रोक चाहते हैं तो अलग से याचिका दाखिल करें। याचिकाकर्ता ने कहा, बंगाल और असम विशिष्ट राज्य हैं। सुनवाई आज ही शुरू हो। असम में बांग्लादेशियों का मुद्दा है। इनमें आधे बांग्लादेश से आने वाले हिंदु हैं और आधे मुस्लिम। असम में 40 लाख बांग्लादेशी हैं। इस कानून के तहत आधे ही लोगों को नागरिकता मिलेगी। ये पूरी डेमोग्राफी को बदल देगा। इसलिए सरकार को फिलहाल कदम उठाने से रोका जाना चाहिए।