रामनगर होकर हर कोटा, गुढ़ियारी, टाटीबंद और भिलाई की ओर जाने वाले लगभग ढाई लाख लोगों को अभी एक साल और तेलघनी चौक और ओवर बिज्र पर ट्रैफिक जाम झेलना पड़ेगा। प्लानिंग की कमी और भूअर्जन विवाद के कारण रायपुर तेलघनी नाका से रामनगर को जोड़ने वाला रेलवे अंडर और ओवर बिज्र का काम पूरी तरह से बंद हो गया है। आशंका जताई जा रही है विवाद बढ़ने के कारण इसे पूरा होने में कम से कम एक साल का और समय लगेगा।
करीब 50 करोड़ की लागत से बनने वाले अंडर-ओवर बिज्र का काम साल 2018 के मार्च माह में शुरु होकर मार्च 2019 तक पूरा होना था। लेकिन पुल के लिए तय मुआवजे पर अपना जमीन देने के वायदे से लोग मुकर गए हैं। इसके बाद PWD विभाग के सामने मुसीबत खड़ी हो गई है। ऐसे में विभाग अनिवार्य भूअर्जन नियम के तहत जमीन लेने की तैयारी कर रहा है। लेकिन इसमें भी कम से कम 6 माह का समय लगेगा।
बता दें की PWD विभाग ने तेलघनी चौक रेलवे पटरियों के ऊपर बना बिज्र पूरी तरह से जर्जर हो गया है, पुल को लोहे के खंभों से सहारा दिया गया है। PWD ने नए 3 सौ मीटर लंबा अंडर और ओवर बिज्र का टेंडर किया था।
इसके लिए भू-अर्जन की प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी, जिसके बाद पटरियों के ऊरप 17 में 6 स्लैब बनाने का काम पूरा कर लिया गया लेकिन अब जमीन मालिकों ने तय मुआवजे पर जमीन देने से मना कर दिया है, जिसके बाद शासन ने 11 सदस्यी कमेटी बनाई। कमेटी को निर्णय लेने में 6 माह का समय दिया है जिसके कारण पुल का काम पूरा होने में और भी देरी होगी।