अगर आप UPI transactions करते हैं तो यह आपके लिए काम की खबर है। आए दिन ऑनलाइन पेमेंट करते समय फ्रॉड की घटनाएं सुनने, पढ़ने को मिलती हैं। ऐसे में कस्टमर को हर ट्रांजेक्शन के समय सतर्क रहना चाहिये। यहां हम आपको बताने जा रहे हैं कि UPI के इंटरफेस के इस्तेमाल की क्या प्रोसेस है और इसे यूज करते हुए कैसे बैंक खाते को सीक्रेट रखा जा सकता है। अगर आप पहली बार इसे यूज करने जा रहे हैं या भविष्य में कभी करेंगे तो किन बातों का ध्यान रखना चाहिये।
UPI ही क्यों?
NPCI द्वारा पेश किया गया यह प्लेटफार्म ऐसे भुगतान की व्यवस्था देता है जिसके लिए अदाकर्ता के खाता नंबर की जरूरत नहीं होती। ऐसे में यह सुरक्षित और अन्य झंझट से मुक्त ट्रांजेक्शन होता है। इसके अलावा आप कैश मैनेजमेंट के लिए भी कोशिश कर सकते हैं।
UPI interface का इस्तेमाल कैसे करें
UPI interface को अपने मोबाइल पर एक्टिवेट करने के लिए आपको BHIP app को UPI के ज़रिये डाउनलोड करना होगा। इसके बाद मोबाइल बैंकिंग के ज़रिये UPI PIN को जनरेट करने की प्रोसेस शुरू करना होगी। यूपीआई के एक्टिवेशन प्लेटफार्म पर आवश्यक विवरण देना होंगे, जैसे नाम, VPA या virtual Id और passcode।
अगली स्टेप में यह करें
– इसके बाद आपको बैंक खाते को जोड़ना या लिंक करना और बैंक और अकाउंट नंबर को लिंक करना होगा।
– बैंक खाते के लिए फिर आपको UPI पिन जनरेट करना होगा जो कि डेबिट कार्ड की डिटेल का उपयोग करके बनाया जाता है।
– एक बार UPI पिन सेट हो जाने के बाद, आप यूटिलिटी बिल पेमेंट, मनी ट्रांसफर और अन्य फंड ट्रांजेक्शन का भुगतान कर सकते हैं।
UPI PIN मोबाइल बैंकिंग से भी जनरेट करना संभव
1. पहली स्टेप में आपको उस बैंक खाते का चयन करना होगा जिसमें आप लेन-देन करना चाहते हैं।
2. इसके बाद फिर आपको जनरेट यूपीआई पिन या मोबाइल बैंकिंग रजिस्ट्रेशन पर क्लिक करना होगा।
ध्यान देने योग्य बात
यह ध्यान देने योग्य बात है कि साइबर चोरी, फ्रॉड के कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं जिसमें बारकोड या यूपीआई पिन मांगा जाता है। यह तब होता है जिसमें रिसीप्ट या पैसा ट्रांजेक्शन में शामिल होता है, अन्यथा यूपीआई पिन की जरूरत ही नहीं होती है।