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बजट सत्र, धान खरीदी पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्ष का वॉकआउट, जानिए अब तक का अपडेट…

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बजट सत्र के तीसरे दिन धान खरीदी के मुद्दे पर फिर विपक्ष ने फिर हंगामा किया। इस पर सभापति ने सत्यनारायण शर्मा से कहा कि इस विषय पर चर्चा हो चुकी है दूसरे मसलों को भी देखा जाएगा। लेकिन चर्चा की मांग पर अड़े संयुक्त विपक्षी दलों ने हंगामा करते हुए सदन से बहिर्गमन कर दिया गया।

बता दें शून्यकाल में भाजपा सदस्य बृजमोहन अग्रवाल में धान खरीदी का मुद्दा उठाया। रमन सिंह सहित भाजपा के सदस्यों ने जिन किसानों को टोकन दिया गया है उनका धान खरीदने की घोषणा सदन में करने की मांग की। सदन में इस लेकर सत्ता और विपक्ष के बीच जमकर हंगामा हुआ जिसके बाद सदन की कार्रवाई 5 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।

वहीं पंचायत मंत्री टीएस सिंह देव ने सदन में सत्ता और विपक्ष की नोकझोंक को सामान्य बताया उनके मुताबिक ये होता रहता है।
नरम और गरम चलता रहता है। सिंहदेव के मुताबिक बयानों को सोच समझकर देना चाहिए।

जेसीसीजे सदस्य धर्मजीत सिंह ने एक्सप्रेस वे का मुद्दा उठाते हुए पीडब्ल्यूडी मंत्री से सवाल किया कि एक्सप्रेसवे के निर्माण में अनियमितता की जांच किस स्तर के अधिकारी समिति से कराई गई। जिन अधिकारियों को दोषी पाया गया उनपर क्या कार्रवाई की ? क्या सही है कि एक्सप्रेस-वे को नए सिरे से बनाने के निर्देश दिए गए हैं । इसपर धर्मजीत सिंह ने कहा कि आप अधिकारियों को निलंबित नहीं कर पा रहे हैं। करोड़ों का खर्च करने के बाद भी कोई काम नहीं कर पा रहे। कोई निष्कर्ष नहीं निकाल पा रहे हैं। पीडब्ल्यूडी मंत्री ताम्रध्वज साहू ने जवाब में कहा कि ठेकेदार को ना हटाने की वजह ये है कि पूरा काम दोबारा उससे कराया जा रहा है। कंसलटेंट को सस्पेंड किया गया है। एक करोड़ 18 लाख की वसूली का नोटिस ठेकेदार और कंसलटेंट को दिया गया है जितने भी अधिकारी हैं उन पर जांच कार्रवाई प्रचलन में है। धर्मजीत सिंह ने कहा कि जो अधिकारी सक्षम नहीं है उनको आपने इस निर्माण कार्य को करने के लिए पद दे दिया। इस पर पीडब्ल्यूडी मंत्री ताम्रध्वज साहू ने जवाब देते हुए कहा 6 अधिकारी दोषी हैं जिन्हें तत्काल प्रभाव से सस्पेंड करता हूं।

जेसीसीजे के अजीत जोगी ने पंचायत मंत्री फिंगेश्वर जिला गरियाबंद में ग्राम पंचायतों द्वारा किए गए निर्माण कार्यों पर सवाल किया। जोगी के मुताबिक मूल्यांकन सत्यापन होने के बाद भी सरपंचों की करोड़ों रुपए की राशि में कटौती की गई। जोगी ने कहा जिन सरपंचों ने घूस नहीं दी उनका पैसा काट लिया गया जिन्होंने घूस दी उनका पैसा दे दिया गया। पंचायत मंत्री ने जवाब में कहा जोगी जी ने जो जो सवाल उठाया है वह कथन एकदम सही है। दोषी लेखाधिकारी सुबीर भट्टाचार्य उनको अधिकार नहीं है कि वो किस प्रकार की कटौती करें। जो दोषी है उनपर कार्रवाई होगी।

किसी भी लेखाधिकारी को ये अधिकार नहीं की प्रकलन अगर भेजा जाए तो वो उसको रोके। पूरक प्रश्न में जोगी बोले कि सरपंचों ने कहा कि 5-5 हजार की घुस मांगते है। अध्यक्ष चरणदास महंत ने हस्तक्षेप करते हुए कहा ऐसे अफसर को पुरुस्कार स्वरूप सदन में ही निलंबित किया जाना चाहिए। पंचायत मंत्री टी एस सिंह देव ने कहा ऐसे अधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है।