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मोहब्बत ने ख़त्म किया बड़ा विवाद: दिल्ली हिंसा में सिखों ने दिखाया भाईचारा, मुस्लिमों ने लौटाए 60 लाख रुपए…

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 उत्तर-पूर्व दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा के दौरान सिखों द्वारा की मुस्लिम समुदाय की सहायता के बाद गुरुद्वारा मैनेजमेंट द्वारा दिए गए 60 लाख रुपये मस्लिम समुदाय ने वापस कर दिए हैं. सिख समुदाय ने यह 60 लाख रुपये सहारनपुर में जमीन के एक टुकड़े पर विवाद उठने के बाद मुस्लिम समुदाय को दिए थे. शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष और पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सरदार सुखबीर सिंह बादल ने मंगलवार को दिल्ली में सहारनपुर मस्जिद कमेटी को सम्मानित किया, जिसने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा के दौरान सिखों द्वारा मुस्लिम समुदाय की सहायता के लिए आभार प्रकट करते हुए एक मस्जिद के निर्माण के लिए सिखों के साथ विवाद वाले एक वैकल्पिक जमीन के टुकड़े पर अपना दावा छोड़ दिया है.

सुखबीर बादल ने कहा, ‘सहारनपुर के सिखों तथा मुसलमानों में 10 साल पुराना एक विवाद उस समय शुरू हुआ था जब शहर की गुरुद्वारा कमेटी ने गुरुद्वारा कॉम्पलेक्स को बड़ा करने के लिए भूमि का एक टुकड़ा खरीदा था. दोनों समुदायों के बीच हुई हिंसा के बाद यह झगड़ा सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया था, जहां गुरुद्वारा मैनेजमेंट द्वारा एक वैकल्पिक जमीन की पेशकश दिए जाने के बाद मुस्लिम समुदाय ने अपना दावा छोड़ दिया था. इसके बाद गुरुद्वारा मैनेजमेंट द्वारा भूमि खरीदने तथा इसकी रजिस्ट्री करवाने के लिए 60 लाख रुपये खर्च किए गए थे.’

इस समझौते के बारे जानकारी देते हुए उत्तर प्रदेश अकाली दल के प्रभारी प्रोफेसर प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा कि वह इस संबंध में पिछले एक साल से बैठकें करते आ रहे थे तथा इस 10 साल पुराने झगड़े के शांतिपूर्ण समाधान से दोनों समुदायों के बीच समझौते की ऐतिहासिक उदाहरण है. उन्होंने कहा कि मस्जिद कमेटी का प्रतिनिधित्व करने वाले मुहर्रम अली पप्पू ने आज 60 लाख का चेक भी वापस कर दिया है तथा वचन दिया है कि सहारनपुर का मुस्लिम समुदाय नए गुरुद्वारा कांप्लेक्स के निर्माण में कार सेवा करेगा.

इस अवसर पर अकाली दल द्वारा मुहर्रम अली पप्पू तथा अकाली नेता गुरप्रीत सिंह बग्गा का सम्मान किया गया. अकाली दल के कार्यालय में हुए कार्यक्रम में शामिल होने वाले मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल ने इस अवसर पर आभार के तौर पर सरदार सुखबीर सिंह बादल को भी सम्मानित किया. मुहर्रम अली तथा बाकी मुस्लिम सदस्यों ने कहा कि जब उन्हें डीएसजीएमसी तथा अकाली दल की दिल्ली इकाई द्वारा दिल्ली हिंसा के दौरान लंगर लगाकर तथा दवाइयां बांटकर प्रभावित व्यक्तियों की सहायता करने के बारे पता चला तो उन्होंने तत्काल सिख भाइयों के साथ झगड़ा निपटाने का इरादा बना लिया.

इस अवसर पर सुखबीर सिंह बादल ने कहा, ‘सिखों तथा मुस्लिमों में बिना शर्त के हुए इस समझौते ने एक उदाहरण स्थापित किया है कि किस तरह दो समुदायों के विवाद को सहयोग तथा आपसी प्यार से मिटाया जा सकता है.’ इस अवसर पर सांसद बलविंदर सिंह भूंदड़, डीएसजीएमसी अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा, अकाली दल की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका तथा डीएसजीएमसी सदस्य महेंदरपाल सिंह तथा जतिंदर साहनी भी उपस्थित थे.