18 सालों तक कांग्रेस की राजनीति करने के बाद आखिरकार ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बीजेपी का दामन थाम ही लिया। बीजेपी दफ्तर में जैसे ही सिंधिया ने बीजेपी में शामिल होने का ऐलान किया प्रदेश के कई सियासी समीकरण बदल गए। न सिर्फ ग्वालियर-चंबल बल्कि मालवा के उन इलाकों में जहां सिंधिया समर्थक काफी संख्या में है, कांग्रेस और बीजेपी की जमीनी राजनीति में नए रिश्तों की कहानी शुरु हो गई।
सिंधिया के बीजेपी में जाने के पीछे दिग्विजय सिंह और सीएम कमलनाथ की कैमेस्ट्री को जिम्मेदार माना जा रहा है। इन दो वरिष्ठ नेताओं की जुगलबंदी की वजह से ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए गुंजाइश बेहद कम हो गई थी ।
बीजेपी के सीनियर सांसद राकेश सिंह से की खास बातचीत में कहा कि हम मध्यप्रदेश में सरकार को गिराने की कोशिश नहीं कर रहे हैं । सरकार अपनी अंतर कलह से गिर रही है। राकेश सिंह ने कहा कि हमने पहले ही कहा था सरकार को हम नहीं गिराएंगे।
बीजेपी विधायकों की निगरानी पर सिंह ने कहा कि कांग्रेस कुछ भी कर ले, वो हमारे थे, हमारे हैं, हमारे ही रहेंगे। राकेश सिंह ने कहा कि हमारे विधायक होली की छुट्टी मनाने के लिए आए हैं। हमारे विधायक वापस आएंगे, बीजेपी के विधायक हमारे संपर्क में। ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में आने पर राकेश सिंह ने स्वागत किया।
सिंह ने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया अपनी दादी की पार्टी में आए हैं । उनकी पार्टी में 18 महीने से उपेक्षा हो रही थी, सिंधिया के चेहरे पर ही मध्यप्रदेश में सरकार बनी थी।