बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इशारों-इशारों में ही बड़ी बात कही है. उन्हें अब अपनी सीएम कुर्सी के जाने के डर सता रहा है. इसे लेकर उन्होंने संकेत दिया है कि उनको भी वैसे ही कार्यकाल के बीच में सीएम की कुर्सी से हटाया जा सकता है, जिस तरह से कर्पूरी ठाकुर को कार्यकाल के बीच में ही सीएम पद से हटा दिया गया था.
पटना में नीतीश कुमार ने इस बात के संकेत पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की जयंती के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान दिया.
खबरों के मुताबिक नीतीश कुमार ने जननायक कर्पूरी ठाकुर का जिक्र करते हुए पूछा कि उनके साथ आखिर अन्याय क्यों हुआ, जबकि वह अति पिछड़ों के सबसे बड़े हितैषी थे.
बता दें कि कर्पूरी ठाकुर को 21 अप्रैल 1979 को सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था.
नीतीश कुमार जननायक के दूसरे कार्यकाल की तरफ इशारा करते हुए यह बात कह रहे थे. नीतीश ने कहा कि नाराज लोगों ने 2 साल और कुछ महीने में ही उन्हें पद से हटा दिया, जबकि उन्होंने समाज के सभी वर्ग के हितों का ख्याल रखा था. नीतीश ने कहा कि कभी-कभी सबके हित में काम करने वाले लोगों से भी कुछ लोग नाराज हो जाते हैं.
नीतीश ने कहा कि कुछ लोग सिर्फ सत्ता का सुख लेना चाहते हैं, लेकिन हमारे लिए सत्ता का बस एक मतलब है और वो है लोगों की सेवा. लोगों की सेवा करना ही हमारा धर्म है. मैं वचन देता हूं, जब तक हम हैं, लोगों की सेवा करते रहेंगे.
नीतीश कुमार ने कहा कि हमारा धर्म लोगों की सेवा करना है, बिहार का विकास करना. बाक़ी लोग क्या बोल रहे हैं उससे हमें कोई मतलब नहीं है. लेकिन लोगों को वस्तुस्थिति बताना चाहिए. पहले क्या था आज कैसा हाल है, ये किसी से छुपा हुआ है? जब काम होगा तो लोगों को रोज़गार भी मिलेगा इसका इंतज़ार कीजिए