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राजीव गांधी किसान न्याय योजनाः एक लाख 28 हजार 700 से ज्यादा किसानों को चार किस्तों में मिलें 484 करोड़ 86 लाख से ज्यादा राशि

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कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने आज कृषि से जुड़े उद्यानिकी, , पशुपालन, मत्स्य, कृषि विज्ञान केन्द्र एवं खाद्य विभाग के जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक लेकर विभागीय कामकाज की समीक्षा की। बैठक में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के नोडल अधिकारी श्री डी.एल. नायक जानकारी देते हुए बताया कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत् तीन किस्तों में 1,28,719 कृषकों को 391 करोड़ 85 लाख का भुगतान किया जा चुका है। वहीं 21 मार्च 2021 को चतुर्थ किस्त के रूप में 93 करोड़ एक लाख 44 हजार रूपए का भुगतान किया गया है। इस प्रकार अब तक चार किस्तों में कुल 484 करोड़ 86 लाख 69 हजार रूपए का भुगतान किया गया है। वहीं गोधन न्याय योजना के तहत् जिले में 6,805 सक्रिय गोबर विक्रेताओं से 1,72,318 क्विंटल गोबर खरीदी की गई है। जिसका भुगतान के रूप में 3 करोड़ 37 हजार का भुगतान किया जा चुका है। कृषि अधिकारियों ने बताया जिले में 7,678 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट खाद का उत्पादन किया गया। जिसमें से 6,507 क्विंटल वर्मी का विक्रय कर 65 लाख 4 हजार 880 रूपए संबंधित वर्मी उत्पादकों के खातें में आ चुकी है।

कलेक्टर ने राज्य शासन के महत्वाकांक्षी योजना गोधन न्याय योजना के तहत् जिले के गौठानों में की जा रही गोबर खरीदी एवं वर्मी कम्पोस्ट खाद के बारें में जानकारी लेते हुए कहा कि सप्ताह में कम से कम तीन दिन जिले के हर गौठान में गोबर खरीदी का कार्य सुचारू रूप से सम्पन्न कराएं। महिला स्व-सहायता समूह द्वारा बनाए गए वर्मी कम्पोस्ट के शत्-प्रतिशत् बिक्री कराने में गति लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गौठान ग्रामीण आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के साथ ही ग्रामीणों और पशुपालकों के लिए अतिरिक्त आमदनी का जरिया भी है। इसलिए वित्तीय प्रबंधन और वर्मी कम्पोस्ट के निर्माण से लेकर बिक्री तक का निर्धारण सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को कहा कि गोधन न्याय योजना के माध्यम से तैयार हुई वर्मी कम्पोस्ट की बिक्री जिले के संबंधित शासकीय, अर्द्धशासकीय, संस्थानों जिन्हें खाद की आवश्यकता होती है, उन्हें अनिवार्य रूप से कम्पोस्ट खाद उपलब्ध कराएं। इसके अलावा जिले के किसानों को विभिन्न सहकारी समितियों के माध्यम से वर्मी कम्पोस्ट खाद विक्रय कराने के लिए प्रेरित करने की बात कही।

कलेक्टर श्री सिंह ने जिले के ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में निजी भवन में संचालित उचित मूल्य की दुकानों को जल्द से जल्द संबंधित क्षेत्र के शासकीय भवनों में स्थानांतरित करने को कहा। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्र में सरपंच तथा नगरीय क्षेत्र में पार्षद से चर्चा कर शासकीय संस्थाओं जैसे पंचायत भवन, सामुदायिक भवन या अन्य शासकीय भवन से अनुमति प्राप्त कर शासकीय उचित मूल्य के दुकान का संचालन आगामी माह में अनिवार्य रूप से कराएं। ग्रामीण क्षेत्रों में जहां पर शासकीय उचित मूल्य की दुकान नहीं है। ऐसे क्षेत्रों में नरेगा के माध्यम से उचित मूल्य की दुकान बनाने के लिए प्रस्ताव भेजें। उन्होंने खाद्य अधिकारी को कहा कि होली त्यौहार से पहले सभी राशन दुकान में पात्र राशन कार्डधारियों को शक्कर राशन का वितरण सुनिश्चित कराएं। उन्होंने अधिकारियों को चावल का उठाव शीघ्र करने को कहा।

बैठक में पशु चिकित्सक उप संचालक को कहा कि पशु क्रुरता निवारण समिति की बैठक शीघ्र कराएं। प्रत्येक गांवों में मृत पशुओं के लिए मुक्तिधाम बनाने के लिए एसडीएम, तहसीलदार के माध्यम से जमीन का चिन्हांकन कराएं तथा वहां पौधरोपण, फेंसिंग कराएं ताकि जमीन सुरक्षित रहें। उन्होंने बताया कि विभाग को ट्रेविस और चाॅप कटर की सप्लाई प्राप्त हो चुकी है। उन्होंने उद्यानिकी अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि जिले के जिन गौठानों में पानी की पर्याप्त व्यवस्था है। ऐसे गौठानों में सब्जी का उत्पादन करें। सिरपुर स्थित रायकेरा तालाब में नौका विहार के लिए बोट शीघ्र प्रारम्भ करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर पशु चिकित्सक सेवाएं के उप संचालक डाॅ. डी.डी. झारिया, कृषि विभाग के उप संचालक श्री एस.आर. डोंगरे, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के नोडल अधिकारी श्री डी.एल. नायक, जिला खाद्य अधिकारी श्री नीतिश त्रिवेदी, कृषि विज्ञान केन्द्र के समन्वयक श्री एस.के. वर्मा, उद्यानिकी विभाग के उप संचालक श्री एन.एस. कुशवाह सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।