Home देश नई परेशानी! भारत के आठ राज्‍यों में जलवायु परिवर्तन का बढ़ा खतरा

नई परेशानी! भारत के आठ राज्‍यों में जलवायु परिवर्तन का बढ़ा खतरा

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अप्रैल की शुरुआत में ही तापमान (Temperature) में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है. वैश्विक तापमान (Global Temperature) बढ़ने के कारण जिस तरह से जलवायु में परिवर्तन (Climate Change) देखने को मिल रहा है उसका खतरा भारत के आठ राज्‍यों में मंडराता दिखाई दे रहा है. राष्ट्रीय जलवायु अति संवेदनशीलता मूल्यांकन रिपोर्ट के मुताबिक झारखंड, मिजोरम, असम, बिहार, ओडिशा, छत्तीसगढ़, अरुणाचल प्रदेश और पश्चिम बंगाल को अतिसंवेदनशील बताया जा रहा है.

रिपोर्ट के मुताबिक जलवायु परिवर्तन का असर जिस तरह से देखने को मिल रहा है उसके बाद देश के पूर्वी हिस्‍से को

रूपांतरण हस्तक्षेप की प्राथमिकता पर रखने की जरूरत है. भारत के जिन 8 राज्‍यों पर जलवायु परिवर्तन का सबसे ज्‍यादा असर बताया जा रहा है उनमें से असम, बिहार और झारखंड के 60 फीसदी जिलों में खतरा सबसे ज्‍यादा है.

राष्ट्रीय जलवायु अति संवेदनशीलता मूल्यांकन रिपोर्ट के मुताबिक प्रत्येक 100 ग्रामीण आबादियों पर वन क्षेत्र की कमी को आसाम के लिए अति संवेदनशीलता को बढ़ावा देने वाले मुख्य कारकों में से एक के तौर पर पाया गया है. ये हालात तब दिखाई दे रहे हैं जब आसाम का 42 फीसदी हिस्‍सा घने जंगलों से ढका हुआ है. वन क्षेत्रों के साथ ही सड़कों की सघनता को दूसरे बड़े कारण के तौर पर देखा जा रहा है. इसी तरह बिहार के 36 जिलों में खराब स्वास्थ्य ढांचे को अहम अतिसंवदेशनील कारक माना गया है. इन सबके बाद 24 ऐसे जिले भी आते हैं जहां सीमांत और लघु परिचालन की हिस्सेदारी ज्यादा है.

हरियाणा, हिमाचल, पंजाब और उत्तराखंड भी शामिल
रिपोर्ट में भले ही आठ राज्‍यों में अतिसंवेदनशील श्रेणी में रखा गया है लेकिन हरियाणा, हिमाचल, पंजाब और उत्‍तराखंड पर भी खतरा बना हुआ है. हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना, सिक्किम और पंजाब को निमभन से मध्य श्रेणी के संवेदनशील राज्यों में, जबकि उत्तराखंड, हरियाणा, तमिलनाडु, केरल, नगालैंड, गोवा और महाराष्ट्र को निमभन श्रेणी के संवेदनशील राज्यों में शामिल किया गया है.