Home छत्तीसगढ़ बीजापुर में माओवादियों का दावा ड्रोन से गिराए बम,

बीजापुर में माओवादियों का दावा ड्रोन से गिराए बम,

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छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में सुकमा और बीजापुर (Bijapur) स्थित जंगलों में सुरक्षा बलों और नक्सलियों (Naxalite) की मुठभेड़ के बाद 22 जवान शहीद होने के बाद सुरक्षा बलों की ओर से पहली बार एयर स्ट्राइक किये जाने का दावा किया गया. दावा माओवादी संगठन की ओर से किया गया, जिसमें किसी भी नुकसान को खारिज किया गया. भारत की कम्युनिस्ट पार्टी माओवादी दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी की ओर से जारी प्रेस नोट में कहा कि इसके पहले ही माओवादियों ने जगह बदल दी थी. माओवादियों का आरोप है कि पुलिस ने 19 अप्रैल को ड्रोन से माओवादियों पर ड्रोन हमला कर12 बम गिराए थे. दावा है कि हमले से पहले ही माओवादियों ने जगह बदल दी थी. इससे माओवादियों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा.

गौलतलब है कि पिछले दिनों छत्तीसगढ़ के बीजापुर और सुकमा के जंगलों में सुरक्षा बलों पर नक्सलियों ने हमला कर दिया था. इसमें 22 जवान शहीद हो गए थे. इसके बाद देश के गृहमंत्री अमित शाह छत्तीसगढ़ पहुंचे थे. तभी से केन्द्र और राज्य सरकार की ओर से सख्त कार्रवाई के संकेत दिए गए थे. इसी को लेकर पहली बार नक्सलियों के ठिकानों पर पहली बार ड्रोन हमले की जानकारी सामने आई है. पुलिस की ओर से वीडियो और फोटो जारी कर माओवादियों को नुकसान की जानकारी दी गई. वहीं दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (DKSZC) के प्रवक्ता विकल्प ने प्रेस नोट जारी कर पुलिस के दावों को खारिज कर दिया. प्रेस नोट के साथ ही प्रमाण के तौर पर फोटो और वीडियो भी जारी कर मौके की सच्चाई बताने की कोशिश की है. माओवादियों का आरोप है कि पुलिस ने 19 अप्रैल को ड्रोन से माओवादियों पर 12 बम ड्रोन उड्राकर गिराए हैं. ड्रोन हमले से पहले ही माओवादियों को इसकी सूचना मिल गई थी, जिसके चलते ही उन्होंने जगह को बदल दिया. इससे माओवादियों को कोई नुकसान नुकसान नहीं पहुंचा है. माओवादियों के मुताबिक पामेड़ थानाक्षेत्र के बोत्तालंका और पाला गुडेम गांव में ड्रोन से हमला किया गया. दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी ने पत्र के साथ वीडियो फुटेज और फोटो जारी कर दावा किया कि जहां पर बम गिराए गए वहां कुछ जानवरों, पेड़ पौधों और प्रकृति को नुकसान हुआ है.

पहली मुठभेड़ जिस गांव में हुई, वहां का नजारा दहलाने वाला
बता दें कि बीजापुर में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में 22 जवान शहीद हो चुके हैं. इसकी पुष्टि पुलिस कर चुकी है. घटनास्थल पर पहुंची न्यूज 18 की टीम ने जो दृश्य देखे, वह दिल को दहला देने वाले हैं. नक्सलियों से सुरक्षा बलों की पहली मुठभेड़ बीजापुर और सुकमा की सीमा पर स्थित टेकुलगुड़ा गांव में हुई थी. यहां पर कई जवान शहीद हुए और साथ ही कई नक्सली भी मारे गए. गांव में अलग-अलग जगहों पर सुरक्षा बलों के शव मिले हैं. शर्मनाक बात यह है कि नक्सली उन जवानों के मृत देह से कपड़े और जूते तक निकाल ले गए हैं.

नक्सलियों को नेस्तानाबूत करने की कार्रवाई होगी : CRPF

घटना के 24 घंटे बाद मुठभेड़ में शहीद हुए जवानों के शव बरामद किए जा सके हैं. नक्सलियों के मंसूबे किस कदर खतरनाक थे, यह मुठभेड़ के बाद बरामद जवानों के शव देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है. अब सीआरपीएफ ने नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब देने की रणनीति बना रही है. बीजापुर मुठभेड़ को लेकर मीडिया के साथ बातचीत के दौरान केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के डीजी ने यह संकेत दिया है. डीजी कुलदीप सिंह ने कहा कि माओवादियों को लेकर बड़ी रणनीति बना रहे हैं.

CRPF के डीजी कुलदीप सिंह ने कहा कि बीजापुर मुठभेड़ के बाद सुरक्षाबलों की ओर से माओवादियों को करारा जवाब दिया जाएगा. माओवादियों पर नकेल कसने के लिए पुलिस उनकी मांद में घुसेगी और बड़ी कार्रवाई करेगी. सीआरपीएफ के डीजी ने कहा कि जमीन से लेकर आसमान तक की कार्रवाई कर माओवादियों को नेस्तनाबूत करने तक यह ऑपरेशन चलेगा.