पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि अगर भारत जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को हटाने के अपने फैसले समेत लंबित मुद्दों पर ‘‘पुनर्विचार’’ करे तो पाकिस्तान को भारत के साथ वार्ता करने और पहले से चले आ रहे मुद्दों को सुलझाने में ‘‘कहीं अधिक खुशी’’ होगी. भारत की ओर से अगस्त 2019 में जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किये जाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने की घोषणा के बाद भारत-पाक संबंधों में गिरावट आयी थी. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के भारत के साथ कश्मीर, सियाचिन, सर क्रीक, जल संबंधी कुछ अन्य मुद्दे हैं और आगे बढ़ने के लिए वार्ता ही एकमात्र रास्ता है. कुरैशी ने तुर्की के अनाडोलू समाचार एजेंसी को साक्षात्कार दिया और डॉन अखबार ने इसे सोमवार को प्रकाशित किया.
भारत ने दिया आंकत मुक्त माहौल पर जोर
दो दिवसीय दौरे पर तुर्की आए कुरैशी ने कहा, ‘‘हम युद्ध का बोझ नहीं सहन कर सके. आपको पता है कि यह दोनों (देशों) को नुकसानदेह होगा. कोई भी संवेदनशील व्यक्ति ऐसी नीति की वकालत नहीं करेगा. इसलिए हमें बैठकर बातचीत करने की जरूरत है. ’’
भारत ने पाकिस्तान से कहा है कि वह इस्लामाबाद के साथ सामान्य संबंध बनाना चाहता है लेकिन उसे आतंक, अस्थिरता और हिंसा मुक्त माहौल बनाना होगा. भारत ने कहा है कि आतंक और अस्थिरता मुक्त माहौल बनाने की जिम्मेदारी पाकिस्तान की है. कुरैशी ने कहा कि दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम पर हालिया प्रतिबद्धता एक सकारात्मक कदम है.