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कोविड-19 वैक्सीन रजिस्ट्रेशन के नाम पर धोखाधड़ी; पर्सनल फोटो से लेकर बैंकिंग के पासवर्ड और ई-मेल तक चुरा रहे, नाम दिया एसएमएस वॉर्म

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कोरोना वायरस से बचने के लिए 18 से लेकर 44 साल की उम्र के लोगों के लिए ऑन लाइन रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। इसी का फायदा अब सायबर फ्रॉड उठा रहे हैं। लोगों के मोबाइल फोन से जानकारी हासिल करने के लिए कोविड-19 नाम से कई तरह के एप्लिकेशन तैयार किए हैं। यह लोगों को इसकी लिंक भेजकर रजिस्ट्रेशन करने को कहते हैं। अनजाने में लोग एप्लिकेशन के माध्यम से रजिस्ट्रेशन कर देते हैं।

इससे उनके मोबाइल फोन की पूरी जानकारी आरोपियों के पास चली जाती है। इसमें मोबाइल फोन के फोटो से लेकर फोन नंबर और बैंक तक की जानकारी होती है। राज्य सायबर सेल में इस तरह की तकरीबन 3 से अधिक शिकायतें हर रोज पहुंच रही हैं। अब राज्य साइबर पुलिस ने इसको लेकर अलर्ट जारी किया है।

अतिरिक्‍त पुलिस महानिदेशक राज्‍य साइबर योगेश चौधरी ने बताया कि कोरोना महामारी का फायदा उठाते हुए साइबर अपराधी एक फर्जी मोबाइल एप्लिकेशन बनाकर उसकी लिंक मैसेज के माध्यम से भेज कर Vaccine Registration के लिए उसे डाउनलोड करने के लिए कहते हैं। उसके बाद एप्लिकेशन के माध्यम से मालवेयर मोबाइल में आ जाते हैं। यह मोबाइल फोन की जानकारी चुरा लेते हैं। इस तरह की लिंक से बचना चाहिए।

कोई भी परमिशन अलाउ न करें

सायबर अपराधियों द्वारा एक तरह की फर्जी मोबाइल एप्लिकेशन तैयार कर मैसेज के माध्यम से कोविड वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन की एप्लीकेशन दिखाते हुए उक्त एप इंस्टाॅल करने के लिए लुभाते हैं। लिंक पर क्लिक करके उस एप्लीकेशन को इंस्टाल करने पर वह मोबाइल की बहुत सारी परमीशन लेता है। इसे ओके करने पर वह एप्लीकेशन अपना असली काम शुरू करती है।

इसके माध्यम से वह पर्सनल फोटो, वीडियो, सारे कांटेक्ट, एसएमएस, वाट्सऐप की चैट, मोबाइल में सेव बैंकिंग के पासवर्ड, हमारे सारे ईमेल आदि साइबर अपराधियों तक पहुंचा देती है। इसके अलावा हमारी जानकारी के बगैर यह एप हमारे सभी कांटेक्ट को मैसेज भेज सकता है। यह एक तरह की फिशिंग तकनीक है, जिसे “एसएमएस ​​वॉर्म” नाम दिया गया है।