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Cyclone Tauktae: समुद्र में फंसे लोगों के लिए देवदूत बने नौसेना-कोस्ट गार्ड के जवान, 638 लोगों की जिन्दगी बचाई, 91 लापता

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चक्रवाती तूफान टाउते (Cyclone Tauktae) के चलते समुद्र में फंसे लोगों को निकालने के लिए तटरक्षक बल और नौसेना के जहाज लगे हुए हैं. नौसेना के हेलीकॉप्टरों और तटरक्षक बल के साथ भारतीय नौसेना के पांच जहाज की मदद से पी-305 के 91 लोगों का पता लगाने और उन्हें बचाने के जी तोड़ कोशिश कर रहे हैं. ये सभी लोग तूफान में लापता हो गए हैं. मुंबई तट से 35 समुद्री मील दूर बजरा डूबने के 20 घंटे से अधिक समय बाद भी लोगों की तलाश जारी है. हालांकि बजरे से कुल 180 लोगों को बचा लिया गया है.

बताया गया कि चार जहाजों की मदद से शुरू हुए तलाशी अभियान के दौरान 638 लोगों और उनके बजरों को मंगलवार

शाम तक सुरक्षित निकाल लिया गया था. अधिकारियों ने कहा कि पी-305 के अलावा तीन बजरों पर सवार सभी कर्मी सुरक्षित हैं.

बजरों पर सवार सभी लोग सुरक्षित

P-305 पर 180 लोगों के अलावा, जीएएल कंस्ट्रक्टर के बजरे पर 137 कर्मी सवार थे. नौसेना और ओएनजीसी के सूत्रों ने बताया कि इन सभी को मंगलवार को बचा लिया गया. सूत्रों ने कहा कि तीसरा बजरा, सपोर्ट स्टेशन -3, पर 220 लोग सवार थे. यह पीपावाव बंदरगाह बंदरगाह से उत्तर-पश्चिम की ओर बह गया था. इसमें एक टगबोट भी जुड़ा हुआ था. इन बजरों पर सवार सभी लोग सुरक्षित बचा लिए गए हैं. तीनों बजरे शापूरजी पल्लोनजी समूह की कंपनी एफकॉन्स के हैं और इनमें कंपनी द्वारा काम पर रखे गए लोग सवार थे.
इसके साथ ही ओएनजीसी का ड्रिलशिप सागर भूषण भी पीपावाव बंदरगाह से दूर चला गया था. उसे भी सुरक्षित तट तक लाया जा रहा है. इसमें ओएनजीसी के 38 कर्मचारियों सहित 101 लोग सवार थे. मंगलवार को तीन नौसैनिक जहाज आईएनएस ब्यास, बेतवा और तेग – पी -305 के लिए खोज और बचाव के लिए आईएनएस कोच्चि और कोलकाता के अभियान में शामिल हुए. साथ ही पी -8 आई और नौसेना के हेलीकॉप्टरों को हवाई खोज करने के लिए तैनात किया गया था.

नौसेना द्वारा चलाया गया सबसे चुनौतिपूर्ण अभियान – वाइस एडमिरल

एक अधिकारी ने बताया कि विपरीत मौसम से जूझते हुए भारतीय नौसेना और तटरक्षक बलों ने ताउते के दस्तक देने से पहले मुंबई के निकट अरब सागर में फंसे दो बजरों में मौजूद 317 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया है. नौसेना के अधिकारी ने कहा कि 707 कर्मियों को ले जा रहे तीन बजरे और एक ऑयल रिग सोमवार समुद्र में फंस गया था. इनमें 273 लोगों को ले जा रहा ‘पी305’ बजरा, 137 कर्मियों को ले जा रहा ‘गल कंस्ट्रक्टर’ और एसएस-3 बजरा शामिल है, जिसमें 196 कर्मी मौजूद थे.

साथ ही ‘सागर भूषण’ ऑयल रिग भी समुद्र में फंस गया था, जिसमें 101 कर्मी मौजूद थे. अधिकारी ने कहा कि अब तक ‘गल कन्स्ट्रक्टर’ में मौजूद सभी 137 जबकि पी305 में मौजूद 273 में से 180 लोगों को बचा लिया गया है.

वाइस एडमिरल मुरलीधर सदाशिव पवार ने कहा कि खोज एवं बचाव अभियान चलाया गया जो चार दशक में नौसेना द्वारा चलाया गया सबसे चुनौतिपूर्ण अभियान था. पवार ने कहा, ‘ मुख्य चुनौती मौसम की थी. यह गंभीर चक्रवाती स्थिति थी, तेज हवाएं चल रही थीं और समुद्र की लहरों की ऊंचाई 6-8 मीटर थी, लगातार बारिश हो रही थी, आसमान में बादल छाए हुए थे और तकरीबन शून्य दृश्यता थी.’