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केंद्र के लिए महंगी हो सकती है कोविड वैक्सीन! कीमतों पर कंपनियों से मोलभाव करेगी सरकार

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देश में कोविड टीकाकरण के लिए 21 जून से नई नीति लागू हो जाएगी, इस बीच केंद्र सरकार वैक्सीन निर्माता कंपनियों से वैक्सीन की कीमत को लेकर दोबारा मोलभाव कर रही है, सरकारी सूत्रों ने सीएनबीसी-टीवी18 को सोमवार को इस बारे में जानकारी दी. दरअसल केंद्र सरकार ने वैक्सीन पर व्यय अनुमानों में उच्च वैक्सीन मूल्य निर्धारण पर भी ध्यान दिया है. सूत्रों के मुताबिक टीकाकरण के लिए 45 हजार करोड़ रुपये से 50 हजार करोड़ रुपये के बजट का अनुमान लगाया गया है.

सीएनबीसी टीवी18 की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने टीकाकरण कार्यक्रम के लिए निर्धारित 35 हजार करोड़ रुपये में से अभी तक 6 हजार करोड़ रुपये खर्च किए हैं. सूत्रों ने कहा कि सरकार वैक्सीन की 180 से 190 करोड़ खुराक खरीद सकती है. इस खरीद का उद्देश्य 75 फीसदी आबादी का टीकाकरण करना है, पहले ये सीमा 50 फीसदी थी. माना जा रहा है कि केंद्र के लिए पहले से निर्धारित वैक्सीन की 150 रुपये की कीमत में संशोधन किया जा सकता है.

इसके चलते केंद्र सरकार के लिए वैक्सीन की कीमत महंगी भी हो सकती है, क्योंकि राज्य सरकारों ने वैक्सीन के लिए पहले ज्यादा रकम दी है. वैक्सीन निर्माताओं द्वारा वैक्सीन की कीमतों में सुधार के बाद राज्यों ने कोविडशील्ड की प्रति खुराक कीमत 300 रुपये दी है, जबकि कोवैक्सीन के लिए प्रति खुराक 400 रुपये का भुगतान किया गया है. हालांकि केंद्र सरकार के लिए सीरम और भारत बायोटेक ने प्रति खुराक वैक्सीन 150 रुपये में दी.

इससे पहले केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नई टीका नीति की घोषणा करने के बाद कोविड-19 रोधी टीकों-कोविशील्ड और कोवैक्सीन की 44 करोड़ खुराकों के लिए ऑर्डर दिया है. प्रधानमंत्री ने बीते सोमवार को घोषणा की थी कि केंद्र राज्यों के खरीद कोटे को अपने हाथों में ले लेगा और 18 साल से अधिक आयु वर्ग के लोगों के लिए राज्यों को टीके मुफ्त उपलब्ध कराए जाएंगे.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि विनिर्माताओं द्वारा कोविड रोधी टीकों की इन 44 करोड़ खुराकों की आपूर्ति दिसंबर तक उपलब्ध कराई जाएगी जिसकी शुरुआत अब से हो रही है. इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय कोविड टीकाकरण कार्यक्रम के दिशा-निर्देशों में बदलाव की प्रधानमंत्री द्वारा घोषणा किए जाने के बाद केंद्र ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को कोविशील्ड की 25 करोड़ खुराक और भारत बायोटेक को कोवैक्सीन की 19 करोड़ खुराकों के लिए ऑर्डर दिया है.

उन्होंने कहा, ‘इसके अतिरिक्त, दोनों कोविड रोधी टीकों की खरीद के लिए 30 प्रतिशत अग्रिम राशि सीरम और भारत बायोटेक को जारी कर दी गई है.’’ अधिकारी ने कहा कि केंद्र इस साल 16 जनवरी से ‘सरकार के समग्र दृष्टिकोण’ के तहत प्रभावी टीकाकरण अभियान के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रयासों का समर्थन कर रहा है. केंद्र को मिले विभिन्न ज्ञापनों के आधार पर, टीकाकरण रणनीति के तीसरे चरण में 18 साल से अधिक आयु के सभी वयस्कों के लिए टीकाकरण एक मई से शुरू किया गया था.

अधिकारी ने कहा, ‘अब देशभर में टीकाकरण अभियान को और अधिक व्यापक बनाने के मकसद के बीच, 18 साल से अधिक आयु के सभी नागरिक सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में कोविड टीके की खुराक मुफ्त में ले सकते हैं.’ प्रधानमंत्री ने बीते सोमवार को कहा था कि केंद्र ने टीका विनिर्माताओं से 75 प्रतिशत टीके खरीदकर राज्यों को इनकी नि:शुल्क आपूर्ति का फैसला किया है और निजी अस्पताल शेष 25 प्रतिशत टीके टीका विनिर्माताओं से खरीदना जारी रखेंगे.

सरकार ने देश में उपलब्ध तीन कोविड रोधी टीकों के लिए निजी अस्पतालों द्वारा वसूले जाने वाला अधिकतम मूल्य भी तय कर दिया है. इसके तहत निजी अस्पताल कोविशील्ड के लिए 780 रुपये, कोवैक्सीन के लिए 1,410 रुपये तथा स्पूतनिक-वी के लिए अधिकतम 1,145 रुपये वसूल कर सकते हैं. इस बीच, स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पत्र भेजकर कहा कि यदि निजी टीकाकरण केंद्र टीकों के लिए निर्धारित मूल्य से अधिक दाम वसूलें तो उनके खिलाफ उचित कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए.