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मिशन मोड में रेलवे: 115000 करोड़ रुपये निवेश कर कई प्रोजेक्ट सौंपने की तैयारी

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कोविड काल में रेलवे ने आपदा को अवसर में तब्दील कर निर्माण कार्य को फास्ट ट्रैक पर दौड़ा रही है। भविष्य की जरूरतों को देखते हुए रेलवे मिशन मोड में है। 1,15,000 करोड़ रुपये की लागत से छोटे-बड़े सवा सौ से अधिक प्रोजेक्ट को पूरा करने की राह पर है। ट्रैक मेंटेनेंस, ट्रैक दोहरीकरण, सुरक्षा व संरक्षा, पैसेंजर ट्रेन व मालगाड़ी की रफ्तार बढ़ाने वाली योजनाओं को अंजाम दिया जा रहा है।

मिशन मोड में रेलवे ने मल्टी-ट्रैकिंग यानी दोहरीकरण/तीसरी लाइन/चौथी लाइन बनाने का भी काम पूरा किया है। इस कड़ी में हरिद्वार-लक्सर ट्रैक दोहरीकरण के साथ आधुनिक सिग्निलिंग सिस्टम से भी लैस कर दिया गया है। इस रूट पर ट्रेन सरपट दौड़ेगी। नई दिल्ली से मेरठ, मुजफ्फरनगर और रुड़की होते हुए हरिद्वार तक डबल लाइन बन कर तैयार है। इससे इस व्यस्त मार्ग पर समयबद्धता में सुधार होगा। इस योजना के पूरा होने से भीड़भाड़ वाले मार्गों पर यात्री और माल ढुलाई की सुचारू आवाजाही होगी। ट्रेन की रफ्तार बढ़ेगी तो अधिक ट्रेन भी उतारी जाएगी।

रेल मंत्रालय के अनुसार अगले कुछ वर्षों में 1,15,000 करोड़ रुपये की लागत से 58 अति महत्वपूर्ण व 68 महत्वपूर्ण योजनाओं का काम फाइनल स्टेज में है। कोविड की चुनौतियों के बावजूद पटरियों की क्षमता बढ़ाने के लिए तेजी से काम किया जा रहा है। पिछले एक साल में 11,588 करोड़ रुपये की लागत वाली कुल 1,044 किलोमीटर लंबाई की 29 योजनाएं चालू हो गई हैं।

जल्द मिलेगा फास्ट ट्रैक
रेलवे ने 39,663 करोड़ रुपये की लागत वाली कुल 3,750 किलोमीटर लंबाई वाले ट्रैक पर चल रहे काम को मार्च 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा। गोल्डन चतुर्भुज, अति व्यस्तम रूट पर यह काम किया जा रहा है। इसमें सिविल योजना के साथ विद्युतीकरण व आधुनिक सिग्नलिंग का काम भी किया जा रहा है।

कोविड-19 महामारी के बावजूद 2020-21 के दौरान 1,614 किलो मीटर दोहरीकरण/तीसरी/चौथी लाइन चालू की गई। इसी तरह 2021-22 के दौरान अब तक 133 किलोमीटर दोहरीकरण/तीसरी लाइन चालू की गई है। न्यू बोंगईगांव-गुवाहाटी सेक्शन के ब्रह्मपुत्र नदी पर दूसरी लाइन शुरू की गई। भुसावल-जलगांव के बीच तीसरी लाइन शुरू की गई है।