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कोरोना काल में भारत की मदद के लिए आगे आया अमेरिका, यूएस हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स ने पारित किया ब्रैड शर्मन का प्रस्ताव

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भारत में कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए यूएस हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स ने ब्रैड शर्मन के प्रस्ताव को पारित किया है. इसके अनुसार अमेरिका कोरोना संक्रमण रोकने के लिए भारत की मदद करेगा.

नई दिल्लीः भारत में कोरोना वायरस संक्रमण की रफ्तार भले ही कम हो गई हो लेकिन देशभर में संक्रमण का आंकड़ा 3 करोड़ 3 लाख से ज्यादा पहुंच चुका है. इस बीच यूएस हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स ने भारत में COVID-19 के विनाशकारी प्रभाव को पहचानते हुए और तत्काल सहायता की सुविधा के लिए ब्रैड शर्मन के प्रस्ताव को पारित किया है.

दरअसल, यूएस हाउस ने भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के विनाशकारी प्रभाव को देखते हुए एक प्रस्ताव पारित किया है और तत्काल सहायता की सुविधा के लिए प्रतिनिधि सभा के लिए प्रस्ताव पारित किया है. भारत और भारतीय अमेरिकियों पर हाउस कॉकस के डेमोक्रेटिक सह-अध्यक्ष ब्रैड शेर्मन पिछले महीने प्रस्ताव पेश करने में प्रतिनिधि स्टीव चाबोट के साथ शामिल हुए थे.

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ब्रैड शर्मन का कहना है कि वे सामूहिक रूप से COVID-19 के प्रसार को रोकने के लिए भारत के लोगों के साथ खड़े हैं. उनके अनुसार अमेरिका को दुनिया भर में अपने सहयोगियों के साथ मिलकर कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए काम करना चाहिए.

कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए अमेरिका करेगा मदद

एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार इस प्रस्ताव में भारत को तत्काल आवश्यक चिकित्सा आपूर्ति देने के लिए बाइडेन प्रशासन के प्रयासों की सराहना करता है, और भारत को इस विनाशकारी दूसरी लहर को रोकने में मदद करने के लिए अतिरिक्त और आवश्यक चिकित्सा आपूर्ति दान देने का आग्रह करता है.

बता दें कि यह प्रस्ताव भारतीय अमेरिकियों और अमेरिकी फर्मों के कोरोना काल के दौरान भारत की हेल्थ केयर सिस्टम का समर्थन करने के प्रयासों की सराहना करता है. जिसमें पूरे भारत में हेल्थ केयर सुविधा के लिए 1,000 वेंटिलेटर और 25,000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की डिलीवरी शामिल है.

इस साल अप्रैल में यूएस हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स स्टीव चाबोट, रो खन्ना, माइकल वाल्ट्ज और अन्य ने औपचारिक रूप से अनुरोध किया कि व्हाइट हाउस COVID-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई के लिए अपनी सहायता बढ़ाए. मई की शुरुआत तक, संयुक्त राज्य अमेरिका ने ऑक्सीजन सहायता, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई), रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट और चिकित्सीय सहित भारत को 100 मिलियन डॉलर से अधिक की चिकित्सा आपूर्ति प्रदान की थी.