बंगाल में फर्जी वैक्सीनेशन का मामला अब गर्माता ही जा रहा है। बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष ने बुधवार को आरोप लगाया है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में हेरफेर करने के लिए चुनाव प्रक्रिया में फर्जी अधिकारियों का इस्तेमाल किया गया था। उनका कहना है कि तृणमूल कांग्रेसके नेता इन फर्जी अधिकारियों के बारे में सब कुछ जानते थे। हालांकि टीएमसी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि भाजपा अपनी चुनावी हार को बेबुनियाद आरोपों से ढकने की कोशिश कर रही है। गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले बंगाल में नकली IAS बनकर फर्जी टीकाकरण कैंप चलाने वाले देबंजन देब को गिरफ्तार किया था।
बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा “यह सिर्फ देबंजन देब नहीं है। उनके जैसे और भी हैं जो (सरकारी कार्यालयों के) वाहनों में लगे बीकन और लोगो में घूमते हैं। मुझे शक है कि ऐसे फर्जी अधिकारियों को चुनाव प्रक्रिया में शामिल किया गया था और उन्होंने मतदान और मतगणना में हेरफेर किया था। मैंने यह भी सुना है कि देब को कभी दक्षिण कोलकाता में टीएमसी के आईटी सेल का संयोजक बनाया गया था। वह सरकार और पार्टी दोनों से जुड़ा रहा। टीएमसी के वरिष्ठ नेता उसके बारे में सब कुछ जानते थे और इसलिए वह इतने लंबे समय तक रैकेट को जारी रखने में सक्षम था।”
बता दे ंकि कुछ दिनों पहले बंगाल में एक फर्जी वैक्सीनेशन कैंप का भांडाफोड़ किया गया था जिसे एक देबंजन देब नाम का एक आदमी नकली आईएएस बनकर चला रहा था. इस मामसे में देबंजन देब को गिरफ्तार कर लिया गया है लेकिन बीजेपी लगातार देब के जरिए तृणमूल कांग्रेस के नेताओं पर हमले करते आ रही है। बीजेपी ने टीएमसी के नेताओं की कुछ ऐसी तस्वीरें साझा की जिनमें देबंजन नेताओं के साथ खड़ा नजर आ रहा है।
इन तस्वीरों पर सफाई देते हुए टीएमसी के नेताओं ने कहा है कि सार्वजनिक कार्यक्रम में सभी की साख की जांच करना संभव नहीं है, यहां कई लोग तस्वीरें क्लिक कराते हैं। इसके अलावा टीएमसी ने भाजपा नेता के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि भाजपा अपनी चुनावी हार को बेबुनियाद आरोपों से ढकने की कोशिश कर रही है।
टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, “ऐसा लगता है कि घोष इन धोखेबाजों के बारे में बहुत कुछ जानते हैं। वह चुनाव से पहले शिकायत दर्ज करा सकते थे। मैं कोलकाता पुलिस से आग्रह करूंगा कि नकली टीकाकरण रैकेट से संबंधित मामले में एक पक्ष बनाया जाए ताकि अधिक जानकारी प्राप्त की जा सके। विधानसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद बीजेपी बहाना ढूंढ़ने और मुंह छिपाने की कोशिश कर रही है। लेकिन बेबुनियाद आरोपों की भी एक सीमा होती है ।”
एक अन्य मामले में, पुलिस ने बुधवार को दक्षिण-पूर्व कोलकाता से एक और युवक को नीली बत्ती वाली कार का उपयोग करने के आरोप में गिरफ्तार किया।
भाजपा ने आठ चरणों के विधानसभा चुनावों में 200 से अधिक विधानसभा सीटें जीतने का लक्ष्य रखा था, लेकिन वह केवल 77 का सीटों पर ही सिमटकर रह गई। टीएमसी ने तीसरी बार सत्ता में वापसी करते हुए 292 विधानसभाओं में से 213 सीटों पर जीत हासिल की।