देश ने हाल ही में कोरोना वायरस की दूसरी लहर का ऐसा कहर देखा कि लोगों के मन में काफी डर बैठ गया। इसी दौरान कोविड 19 की तीसरी लहर की भी चर्चा होने लगी। कहा जाने लगा कि इस लहर में कोरोना का कहर पड़ सकता है। जिन्हें वैक्सीन लगना शुरू नहीं हुआ है और पहली और दूसरी लहर में संक्रमित हुए हैं। ऐसे में संभव है कि तीसरी लहर में महामारी की चपेट में आएं।
हालांकि सरकार ने कई मौकों पर इस तरह की आशंकाओं से इनकार किया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि देश में कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान, मीडिया ने आगे आने वाली किसी संभावित नई लहर के विपरीत प्रभाव पड़ने को लेकर कई सवाल उठाये हैं। विशेषज्ञों ने कई मंचों पर ऐसे डर और आशंकाओं को खारिज किया है।
प्रतिरोधकता पर राष्ट्रीय तकनीक परामर्श समूह (एनटीएजीआई) के कोविड-19 पर बने कार्यकारी समूह के अध्यक्ष डॉ. एन. के. अरोड़ा ने 25 जून, 2021 को कोवैक्सीन का परीक्षण शुरू हो गया है और इसके नतीजे इस साल सितंबर से अक्टूबर तक मिल जाएंगे। उन्हें संक्रमण हो सकता है, लेकिन वे गंभीर रूप से बीमार नहीं होंगे।
दिशानिर्देश जारी किए जा चुके
कोविड-19 की बाद में आने वाली लहरों के दौरान सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए जरूरी तैयारियों को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने 18 जून, कोविड-19 के प्रबंधन के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। दस्तावेज संक्रमण से बचाव और नियंत्रण (आईपीसी) सहित लक्षणों, विभिन्न उपचारों, निगरानी पर विस्तृत दिशानिर्देश, मास्क के उपयोग के लिए परामर्श आदि उपलब्ध कराता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और विभिन्न विशेषज्ञों ने वायरस के संचरण की चेन को तोड़ने के लिए नियमित रूप से बच्चों के साथ ही वयस्कों के लिए कोविड उपयुक्त व्यवहार (सीएबी) के पालन की जरूरत पर जोर दिया है।